उसी जीवन का ज्ञान हमें कराया गया। हमने उसे देखा। हम उसके साक्षी हैं और अब हम तुम लोगों को उसी अनन्त जीवन की उद्घोषणा कर रहे हैं जो पिता के साथ था और हमें जिसका बोध कराया गया।
सब लोगों के सामने नहीं वरन् बस उन साक्षियों के सामने जो परमेश्वर के द्वारा पहले से चुन लिये गये थे। अर्थात् हमारे सामने जिन्होंने उसके मरे हुओं में से जी उठने के बाद उसके साथ खाया और पिया।
जिसे मूसा की वह व्यवस्था जो मनुष्य के भौतिक स्वभाव के कारण दुर्बल बना दी गई थी, नहीं कर सकी उसे परमेश्वर ने अपने पुत्र को हमारे ही जैसे शरीर में भेजकर जिससे हम पाप करते हैं—उसकी भौतिक देह को पाप वाली बनाकर पाप को निरस्त करके पूरा किया।
हमारे धर्म के सत्य का रहस्य निस्सन्देह महान है: मसीह नर देह धर प्रकट हुआ, आत्मा ने उसे नेक साधा, स्वर्गदूतों ने उसे देखा, वह राष्ट्रों में प्रचारित हुआ। जग ने उस पर विश्वास किया, और उसे महिमा में ऊपर उठाया गया।
किन्तु अब हमारे उद्धारकर्ता यीशु मसीह के प्रकट होने के साथ-साथ हमारे लिये प्रकाशित किया गया है। उसने मृत्यु का अंत कर दिया तथा जीवन और अमरता को सुसमाचार के द्वारा प्रकाशित किया है।
वह मैं ऐसा इसलिए कर रहा हूँ कि परमेश्वर के चुने हुओं को अनन्त जीवन की आस बँधे। परमेश्वर ने, जो कभी झूठ नहीं बोलता, अनादि काल से अनन्त जीवन का वचन दिया है।
अब मैं तुम्हारे बीच जो बुज़ुर्ग हैं, उनसे निवेदन करता हूँ: मैं, जो स्वयं एक बुज़ुर्ग हूँ और मसीह ने जो यातनाएँ झेली हैं, उनका साक्षी हूँ तथा वह भावी महिमा जो प्रकट होने को है, उसका सहभागी हूँ।
वह सृष्टि के आरम्भ से ही था: हमने इसे सुना है, अपनी आँखों से देखा, ध्यान से निहारा, और इसे स्वयं अपने ही हाथों से हमने इसे छुआ है। हम उस वचन के विषय में बता रहे हैं जो जीवन है।
वह जो पाप करता ही रहता है, शैतान का है क्योंकि शैतान अनादि काल से पाप करता चला आ रहा है। इसलिए परमेश्वर का पुत्र प्रकट हुआ कि वह शैतान के काम को नष्ट कर दे।
किन्तु हमको पता है कि परमेश्वर का पुत्र आ गया है और उसने हमें वह ज्ञान दिया है ताकि हम उस परमेश्वर को जान लें जो सत्य है। और यह कि हम उसी में स्थित हैं, जो सत्य है, क्योंकि हम उसके पुत्र यीशु मसीह में स्थिर हैं। परम पिता ही सच्चा परमेश्वर है और वही अनन्त जीवन है।