1 तीमुथियुस 6:11पवित्र बाइबलकिन्तु हे परमेश्वर के जन, तू इन बातों से दूर रह तथा धार्मिकता, भक्तिपूर्ण सेवा, विश्वास, प्रेम, धैर्य और सज्जनता में लगा रह। अध्याय देखें |
परमेश्वर का एक व्यक्ति इस सन्देश के साथ इस्राएल के राजा के पास आया: “यहोवा ने कहा है, ‘अराम के लोगों ने कहा है कि मैं अर्थात् यहोवा पर्वतों का परमेश्वर हूँ। वे समझते हैं कि घाटियों का परमेश्वर मैं नहीं हूँ। इसलिए मैं तुम्हें इस विशाल सेना को पराजित करने दूँगा। तब तुम समझोगे कि मैं यहोवा सर्वत्र हूँ।’”
अहज्याह ने तीसरे सेनापति को पचास सैनिकों के साथ भेजा। पचास सैनिकों का सेनापति एलिय्याह के पास आया। सेनापति ने अपने घुटनों के बल झुककर उसको प्रणाम किया। सेनापति ने उससे यह कहते हुए प्रार्थना की, “परमेश्वर के जन मैं आपसे प्रार्थना करता हूँ, कृपया मेरे जीवन और अपने इन पचास सेवकों के जीवन को अपनी दृष्टि में मूल्यवान मानें!
सुलैमान ने अपने पिता दाऊद के निर्देशों का पालन किया। सुलैमान ने याजकों के वर्ग उनकी सेवा के लिये चुने। सुलैमान ने लेवीवंशियों को भी उनके कार्य के लिये चुना। लेवीवंशियों को स्तुति में पहल करनी होती थी और उन्हें मन्दिर की सेवाओं में जो कुछ नित्य किया जाना होता था उनमें याचकों की सहायता करनी थी और सुलैमान ने द्वारपालों को चुना जिनके समूहों को हर द्वार पर सेवा करनी थी। इस पद्धति का निर्देश परमेश्वर के व्यक्ति दाऊद ने दिया था।
लेवियों के मुखियाओं के नाम ये थे: हशब्याह, शेरेब्याह, कदमिएल का पुत्र येशू उसके साथी। उनके भाई परमेश्वर को आदर देने के लिए स्तुतिगान के वास्ते उनके सामने खड़ा रहा करते थे। वे आमने—सामने इस तरह खड़े होते थे कि एक गायक समूह दूसरे गायक समूह के उत्तर में गीत गाता था। परमेश्वर के भक्त दाऊद की ऐसी ही आज्ञा थी।
तब मैं रेकाबी परिवार को यहोवा के मन्दिर में ले आया। हम लोग उस कमरे में गये जो हानान के पुत्रों का कहा जाता है। हानान यिग्दल्याह नामक व्यक्ति का पुत्र था। हानान परमेश्वर का व्यक्ति था। वह कमरा उस कमरे से अगला कमरा था जिसमें यहूदा के राजकुमार ठहरते थे। यह शल्लूम के पुत्र मासेयाह के कमरे के ऊपर था। मासेयाह मन्दिर में द्वारपाल था।