क्योंकि वह अविश्वासी पति विश्वासी पत्नी से निकट संबन्धों के कारण पवित्र हो जाता है और इसी प्रकार वह अविश्वासिनी पत्नी भी अपने विश्वासी पति के निरन्तर साथ रहने से पवित्र हो जाती है। नहीं तो तुम्हारी संतान अस्वच्छ हो जाती किन्तु अब तो वे पवित्र हैं।
वे विवाह का निषेध करेंगे। कुछ वस्तुएँ खाने को मना करेंगे जिन्हें परमेश्वर के विश्वासियों तथा जो सत्य को पहचानते हैं, उनके लिए धन्यवाद देकर ग्रहण कर लेने को बनाया गया है।