“स्वयं महायाजक और बुजुर्गों की समूची सभा इसे प्रमाणित कर सकती है। मैंने दमिश्क में इनके भाइयों के नाम इनसे पत्र भी लिया था और इस पंथ के वहाँ रह रहे लोगों को पकड़ कर बंदी के रूप में यरूशलेम लाने के लिये मैं गया भी था ताकि उन्हें दण्ड दिलाया जा सके।
मेरे पुत्र तीमुथियुस, भविष्यवक्ताओं के वचनों के अनुसार बहुत पहले से ही तेरे सम्बन्ध में जो भविष्यवाणीयाँ कर दी गयी थीं, मैं तुझे ये आदेश दे रहा हूँ, ताकि तू उनके अनुसार
हमारा विश्वास जिस उत्तम स्पर्द्धा की अपेक्षा करता है, तू उसी के लिए संघर्ष करता रह और अपने लिए अनन्त जीवन को अर्जित कर ले। तुझे उसी के लिए बुलाया गया है। तूने बहुत से साक्षियों के सामने उसे बहुत अच्छी तरह स्वीकारा है।