किन्तु अब जब मसीह अपनी भौतिक देह में था, तब मसीह की मृत्यु के द्वारा परमेश्वर ने तुम्हें स्वयं अपने आप से ले लिया, ताकि तुम्हें अपने सम्मुख पवित्र, निश्कलंक और निर्दोष बना कर प्रस्तुत किया जाये।
क्योंकि यदि वे कलीसिया के ऐसे सेवक के रूप में होंगे जो उत्तम सेवा प्रदान करते है, तो वे अपने लिये सम्मानपूर्वक स्थान अर्जित करेंगे। यीशु मसीह के प्रति विश्वास में निश्चय ही उनकी आस्था होगी।
अब देखो उसे एक ऐसा जीवन जीना चाहिए जिसकी लोग न्यायसंगत आलोचना न कर पायें। उसके एक ही पत्नी होनी चाहिए। उसे शालीन होना चाहिए, आत्मसंयमी, सुशील तथा अतिथिसत्कार करने वाला एवं शिक्षा देने में निपूण होना चाहिए।
हे प्रिय मित्रों, हर आत्मा का विश्वास मत करो बल्कि सदा उन्हें परख कर देखो कि वे, क्या परमात्मा के हैं? यह मैं तुमसे इसलिए कह रहा हूँ क्योंकि बहुत से झूठे नबी संसार में फैले हुए हैं।