फिर उससे कहा, “तुझे घर में मेरे साथ बहुत दिनों तक रहना है। तुझे किसी वेश्या के जैसा नहीं होना चाहिये। किसी पराये पुरूष के साथ नहीं रहना है। मैं तभी वास्तव में तेरा पति बनूँगा।”
अपने आप को प्रार्थना में समर्पित करने के लिये थोड़े समय तक एक दूसरे से समागम न करने की आपसी सहमती को छोड़कर, एक दूसरे को संभोग से वंचित मत करो। फिर आत्म-संयम के अभाव के कारण कहीं शैतान तुम्हें किसी परीक्षा में न डाल दे, इसलिए तुम फिर समागम कर लो।