मेरा यह प्रयोजन बिलकुल नहीं था कि तुम इस दुनिया के व्यभिचारियों, लोभियों, ठगों या मूर्ति-पूजकों से कोई सम्बन्ध ही मत रखो। ऐसा होने पर तो तुम्हें इस संसार से ही निकल जाना होगा।
और फिर तुम लोग अभिमान में फूले हुए हो। किन्तु क्या तुम्हें इसके लिये दुखी नहीं होना चाहिये? जो कोई ऐसा दुराचार करता है उसे तो तुम्हें अपने बीच से निकाल बाहर करना चाहिये था।
पुराने ख़मीर से छुटकारा पाओ ताकि तुम आटे का नया लौंदा बन सको। तुम तो बिना ख़मीर वाली फ़सह की रोटी के समान हो। हमें पवित्र करने के लिये मसीह को फ़सह के मेमने के रूप में बलि चढ़ा दिया गया।