जैसा कि शास्त्र कहता है: “उनका उपयोग करते हुए जो अन्य बोली बोलते हैं, उनके मुखों का उपयोग करते हुए जो पराए हैं। मैं इनसे बात करूँगा, पर तब भी ये मेरी न सुनेंगे।” प्रभु ऐसा ही कहता है।
इस्राएल के परिवार, यह सन्देश यहोवा का है, “तुम पर आक्रमण के लिये मैं एक राष्ट्र को बहुत दूर से जल्दी ही लाऊँगा। यह एक पुराना राष्ट्र है। यह एक प्राचीन राष्ट्र है। उस राष्ट्र के लोग वह भाषा बोलते हैं जिसे तुम नहीं समझते। तुम नहीं समझ सकते कि वे क्या कहते हैं
अब हम यह जानते हैं कि व्यवस्था में जो कुछ कहा गया है, वह उन को सम्बोधित है जो व्यवस्था के अधीन हैं। ताकि हर मुँह को बन्द किया जा सके और सारा जगत परमेश्वर के दण्ड के योग्य ठहरे।
स्त्रियों को चाहिये कि वे सभाओं में चुप रहें क्योंकि उन्हें बोलने की अनुमति नहीं है। बल्कि जैसा कि व्यवस्था के विधान में भी कहा गया है, उन्हे दब कर रहना चाहिये।
“यहोवा तुम्हारे विरुद्ध बहुत दूर से एक राष्ट्र को लाएगा। यह राष्ट्र पृथ्वी की दूसरी ओर से आएगा। यह राष्ट्र तुम्हारे ऊपर आकाश से उतरते उकाब की तरह शीघ्रता से आक्रमण करेगा। तुम इस राष्ट्र की भाषा नहीं समझोगे।