सो मैं तुम्हें बताता हूँ कि परमेश्वर के आत्मा की ओर से बोलने वाला कोई भी यह नहीं कहता, “यीशु को शाप लगे” और पवित्र आत्मा के द्वारा कहने वाले को छोड़ कर न कोई यह कह सकता है, “यीशु प्रभु है।”
मुझको यह आशा है कि यहोवा मेरे शत्रु के साथ इन सभी बातों को करेगा। मुझको यह आशा है कि यहोवा इन सभी बातों को उनके साथ करेगा जो मेरी हत्या का जतन कर रहे है।
कि यदि तू अपने मुँह से कहे, “यीशु मसीह प्रभु है,” और तू अपने मन में यह विश्वास करे कि परमेश्वर ने उसे मरे हुओं में से जीवित किया तो तेरा उद्धार हो जायेगा।
किन्तु हमारे लिये तो एक ही परमेश्वर है, हमारा पिता। उसी से सब कुछ आता है। और उसी के लिये हम जीते हैं। प्रभु केवल एक है, यीशु मसीह। उसी के द्वारा सब वस्तुओं का अस्तित्व है और उसी के द्वारा हमारा जीवन है।
क्योंकि जब कोई तुम्हारे पास आकर जिस यीशु का उपदेश हमने तुम्हें दिया है, उसे छोड़ किसी दूसरे यीशु का तुम्हें उपदेश देता है, अथवा जो आत्मा तुमने ग्रहण की है, उससे अलग किसी और आत्मा को तुम ग्रहण करते हो अथवा छुटकारे के जिस संदेश को तुमने ग्रहण किया है, उससे भिन्न किसी दूसरे संदेश को भी ग्रहण करते हो।
जब ऐसा होता है तो उसका शरीर पूरी रात पेड़ पर नहीं रहना चाहिए। तुम्हें उसे उसी दिन निश्चय ही दफना देना चाहिए। क्यों? क्योंकि जो व्यक्ति पेड़ पर लटकाया जाता है वह परमेश्वर से अभिशाप पाया हुआ होता है। तुम्हें उस देश को अपवित्र नहीं करना चाहिए जिसे यहोवा तुम्हारा परमेश्वर तुम्हें रहने के लिए दे रहा है।