सो यदि शरीर के सारे अंग एक से हो जाते तो शरीर ही कहाँ होता।
अब देखो, मानव शरीर किसी एक अंग से ही तो बना नहीं होता, बल्कि उसमें बहुत से अंग होते हैं।
किन्तु वास्तव में परमेश्वर ने जैसा ठीक समझा, हर अंग को शरीर में वैसा ही स्थान दिया।
किन्तु स्थिति यह है कि अंग तो अनेक होते हैं किन्तु शरीर एक ही रहता है।