कुल्हाड़ा उस व्यक्ति से अच्छा नहीं होता, जो कुल्हाड़े को चलाता है। कोई आरा उस व्यक्ति से अच्छा नहीं होता, जो उस आरे से काटता है। किन्तु अश्शूर का विचार है कि वह परमेश्वर से भी अधिक महत्वपर्ण और बलशाली है। उसका यह विचार ऐसा ही है जैसे किसी छड़ी का यह सोचना कि वह उस व्यक्ति से अधिक बली और महत्वपूर्ण है जो उसे उठाता है और किसी को दण्ड देने के लिए उसका प्रयोग करता है।