(मैंने स्तिफनुस के परिवार को भी बपतिस्मा दिया था किन्तु जहाँ तक बाकी के लोगों की बात है, सो मुझे याद नहीं कि मैंने किसी भी और को कभी बपतिस्मा दिया हो।)
अपने समूचे परिवार समेत बपतिस्मा लेने के बाद उसने हमसे यह कहते हुए विनती की, “यदि तुम मुझे प्रभु की सच्ची भक्त मानते हो तो आओ और मेरे घर ठहरो।” सो उसने हमें जाने के लिए तैयार कर लिया।
तुम लोग स्तिफनुस के घराने को तो जानते ही हो कि वे अखाया की फसल के पहले फल हैं। उन्होंने परमेश्वर के पुरुषों की सेवा का बीड़ा उठाया है। सो भाइयो। तुम से मेरा निवेदन है कि