जिन लोगों के पास कीमती रत्न थे उन्होंने यहोवा के मन्दिर के लिये दिये। यहीएल कीमती रत्नों का रक्षक बना। यहीएल गेर्शोन के परिवार में से था।
लादान के तीन पुत्र थे। उसका सबसे बड़ा पुत्र यहीएल था। उसके अन्य पुत्र जेताम और योएल थे।
सुलैमान ने मन्दिर की सुन्दरता के लिये उसमें बहुमूल्य रत्न लगाए। जिस सोने का उपयोग सुलैमान ने किया वह पर्वैम से आया था।
सभी लोग जो भेंट चढ़ाना चाहते थे आए और यहोवा के लिए भेंट लाए। ये भेंटे मिलापवाले तम्बू को बनाने, तम्बू की सभी चीज़ों, और विशेष वस्त्र बनाने के काम में लाई गईं।
हर एक पुत्र परिवार समूहों का नेता था। गेर्शोन के परिवार समूह थेः लिब्नी और शिमी।