एक प्रहरी को पेड़ की चोटी पर चढ़ने को कहो। जैसे ही वह पेड़ों की चोटी से उनकी चढ़ाई करने की आवाज को सुनेगा, उसी समय पलिश्तियों पर आक्रमण करो। मैं (परमेश्वर) तुम्हारे सामने आऊँगा और पलिश्ती सेना को हराऊँगा!”
मैं शीघ्र ही उसके मन में ऐसी भावना पैदा करूँगा जिससे वह एक अफवाह सुनकर अपने देश वापस जाने को विवश होगा और मैं उसे उसके देश में एक तलवार के घाट उतरवा दूँगा।’”
यहोवा ने अरामी सेना को, रथों, घोड़ों और विशाल सेना का उद्घोष, सुनाया था। अतः अरामी सैनिकों ने आपस में बातें कीं, “इस्राएल के राजा ने हित्ती राजाओं और मिस्रियों को हम लोगों के विरुद्ध किराये पर बुलाया है!”
दाऊद ने फिर परमेश्वर से प्रार्थना की। परमेश्वर ने दाऊद की प्रार्थना का उत्तर दिया। परमेश्वर ने कहा, “दाऊद, जब तुम आक्रमण करो तो पलिश्ती लोगों के पीछे पहाड़ी पर मत जाओ। इसके बदले, उनके चारों ओर जाओ। वहाँ छिपो, जहाँ मोखा के पेड़ हैं।
दाऊद ने वही किया जो परमेश्वर ने करने को कहा। इसलिये दाऊद और उसकी सेना ने पलिश्ती सेना को हराया। उन्होंने पलिश्ती सैनिकों को लगातार गिबोन नगर से गेजर नगर तक मारा।
“पहाड़ में एक तीव्र शोर हुआ है, तुम उस शोर को सुनो! ये शोर ऐसा लगता है जैसे बहुत ढेर सारे लोगों का। बहुत सारे देशों के लोग आकर इकट्ठे हुए हैं। सर्वशक्तिमान यहोवा अपनी सेना को एक साथ बुला रहा है।
बचे हुए व्यक्ति अपने शत्रुओं के देश में अपना साहस खो देंगे। वह हर चीज से भयभीत होंगे। वह हवा में उड़ती पत्ती की तरह चारों ओर भागेंगें। वे ऐसे भागेंगे मानों कोई तलवरा लिए उनका पीछा कर रहा हो।
तब दबोरा ने बाराक से कहा, “आज के दिन ही यहोवा तुम्हें सीसरा को हराने में सहायता देगा। निश्चय ही, तुम जानते हो कि यहोवा ने पहले से ही तुम्हारे लिये रास्ता साफ कर रखा है।” इसलिए बाराक ने दस हजार सैनिकों को ताबोर पर्वत से उतारा।
जब गिदोन ने स्वप्न के बारे में सुना और उसका अर्थ समझा तो वह परमेश्वर के प्रति झुका। तब गिदोन इस्राएली लोगों के डेरे में लौट गया। गिदोन ने लोगों को बाहर बुलाया, “तैयार हो जाओ। यहोवा हम लोगों को मिद्यानी लोगों को हराने में सहायता करेगा।”