उन्होंने राष्ट्रों के देवताओं को आग में फेंक दिया। किन्तु वे सच्चे देवता नहीं थे। वे केवल लकड़ी और पत्थर की मूर्ति थे जिन्हें मनुष्यों ने बना रखा था। यही कारण था कि अश्शूर के राजा उन्हें नष्ट कर सके।
तब दाऊद और उसके लोग बालपरासीम नगर तक गए। वहाँ दाऊद और उसके लोगों ने पलिश्ती लोगों को हराया। दाऊद ने कहा, “टूटे बाँध से पानी फूट पड़ता है। उसी प्रकार, परमेश्वर मेरे शत्रुओं पर फूट पड़ा है! परमेश्वर ने यह मेरे माध्यम से किया है।” यही कारण है कि उस स्थान का नाम “बालपरासीम है।”
“आज रात मैं मिस्र से होकर गुजरूँगा और मिस्र में प्रत्येक पहलौठे पुत्र को मार डालूँगा। मैं सभी पहलौठे जानवरों और मनुष्यों को मार डालूँगा। मैं मिस्र के सभी देवताओं को दण्ड दूँगा और दिखा दूँगा कि मैं यहोवा हूँ।
तब मूसा ने लोगों के बनाए बछड़े को नष्ट कर दिया। उसने इसे आग में गला दिया। उसने सोने को तब तक पीसा जब तक यह चूर्ण न हो गया और उसने उस चूर्ण को पानी में फेंक दिया। उसने इस्राएल के लोगों को वह पानी पीने को विवश किया।
“तुम्हें उनके देवताओं की मूर्तियों को जला देना चाहिए। तुम्हें उन मूर्तियों पर मढ़े सोने या चाँदी को लेने की इच्छा नहीं रखनी चाहीए। तुम्हें उस सोने और चाँदी को अपने लिए नहीं लेना चाहिए। यदि तुम उसे लोगे तो दण्ड पाओगे। क्यो? क्योंकि यहोवा तुम्हारा परमेश्वर उन मूर्तियों से घृणा करता है
“तुम्हें इन राष्ट्रों के साथ यह करना चाहिएः तुम्हें उनकी वेदियाँ नष्ट करनी चाहिए और विशेष पत्थरों को टुकड़ों मे तोड़ डालना चाहिए। उनके अशेरा स्तम्भों को काट डालो और उनकी मूतिर्यों को जला दो!