अहंकार और कुछ नहीं, कलह को ही जन्म देता है, किंतु वे, जो परामर्श का चालचलन करते हैं, बुद्धिमान प्रमाणित होते हैं.
मत्ती 20:24 - सरल हिन्दी बाइबल यह सुन शेष दस शिष्य इन दोनों भाइयों पर नाराज़ हो गए; पवित्र बाइबल जब बाकी दस शिष्यों ने यह सुना तो वे उन दोनों भाईयों पर बहुत बिगड़े। Hindi Holy Bible यह सुनकर, दसों चेले उन दोनों भाइयों पर क्रुद्ध हुए। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) जब दस प्रेरितों को यह मालूम हुआ, तब वे दोनों भाइयों पर नाराज हो गये। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) यह सुनकर दसों चेले उन दोनों भाइयों पर क्रुद्ध हुए। नवीन हिंदी बाइबल यह सुनकर दसों शिष्य उन दोनों भाइयों से नाराज़ हो गए। इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 यह सुनकर, दसों चेले उन दोनों भाइयों पर क्रुद्ध हुए। |
अहंकार और कुछ नहीं, कलह को ही जन्म देता है, किंतु वे, जो परामर्श का चालचलन करते हैं, बुद्धिमान प्रमाणित होते हैं.
इस पर येशु ने उनसे कहा, “सचमुच मेरा प्याला तो तुम पियोगे, किंतु किसी को अपने दायें या बायें बैठाना मेरा अधिकार नहीं है. यह उनके लिए है, जिनके लिए यह मेरे पिता द्वारा तैयार किया गया है.”
किंतु येशु ने उन सभी को अपने पास बुलाकर उनसे कहा, “वे, जो इस संसार में शासक हैं, अपने लोगों पर प्रभुता करते हैं तथा उनके बड़े अधिकारी उन पर अपना अधिकार दिखाया करते हैं.
यह देख मसीह येशु ने अप्रसन्न होते हुए उनसे कहा, “बालकों को यहां आने दो, उन्हें मेरे पास आने से मत रोको क्योंकि परमेश्वर का राज्य ऐसों का ही है.
किंतु यहूदी सभागृह प्रधान इस पर अत्यंत रुष्ट हो गया क्योंकि प्रभु येशु ने उसे शब्बाथ पर स्वस्थ किया था. सभागृह प्रधान ने वहां इकट्ठा लोगों से कहा, “काम करने के लिए छः दिन निर्धारित किए गए हैं इसलिये इन छः दिनों में आकर अपना स्वास्थ्य प्राप्त करो, न कि शब्बाथ पर.”
प्रेम धीरजवंत है, प्रेम कृपालु है. प्रेम जलन नहीं करता, अपनी बड़ाई नहीं करता, घमंड नहीं करता,
स्वार्थ और झूठी बड़ाई से कुछ भी न करो, परंतु विनम्रता के साथ तुममें से प्रत्येक अपनी बजाय दूसरे को श्रेष्ठ समझे.
यदि तुम्हारा हृदय कड़वी जलन और स्वार्थपूर्ण इच्छाओं से भरा हुआ है तो इसका घमंड करते हुए झूठ को सच बनाकर प्रस्तुत तो मत करो.
इसी प्रकार युवाओ, तुम प्राचीनों के अधीन रहो तथा तुम सभी एक दूसरे के प्रति दीनता की भावना धारण करो क्योंकि, “परमेश्वर घमंडियों के विरुद्ध रहते और दीनों को अनुग्रह देते हैं.”