नीतिवचन 9:7 - सरल हिन्दी बाइबल यदि कोई ठट्ठा करनेवाले की भूल सुधारता है, उसे अपशब्द ही सुनने पड़ते हैं; यदि कोई किसी दुष्ट को डांटता है, अपने ही ऊपर अपशब्द ले आता है. पवित्र बाइबल जो कोई उपहास करने वाले को, सुधारता है, अपमान को बुलाता है, और जो किसी नीच को समझाने डांटे वह गाली खाता है। Hindi Holy Bible जो ठट्ठा करने वाले को शिक्षा देता है, सो अपमानित होता है, और जो दुष्ट जन को डांटता है वह कलंकित होता है॥ पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) जो मनुष्य हंसी उड़ानेवालों को शिक्षा देता है, वह स्वयं अपमानित होता है; दुर्जनों को चेतावनी देनेवाला अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मारता है। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) जो ठट्ठा करनेवाले को शिक्षा देता है, वह अपमानित होता है, और जो दुष्ट जन को डाँटता है वह कलंकित होता है। नवीन हिंदी बाइबल जो ठट्ठा करनेवाले को शिक्षा देता है, वह स्वयं अपमानित होता है; और जो दुष्ट व्यक्ति को डाँटता है वह स्वयं को हानि पहुँचाता है। इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 जो ठट्ठा करनेवाले को शिक्षा देता है, अपमानित होता है, और जो दुष्ट जन को डाँटता है वह कलंकित होता है। |
अहाब ने एलियाह से कहा, “मेरे शत्रु, तुम फिर मेरे सामने आ गए!” एलियाह ने उत्तर दिया, “मुझे आना पड़ा, क्योंकि आपने अपने आपको उस काम के लिए समर्पित कर रखा है, जो याहवेह की दृष्टि में गलत है.
यह सुन केनानाह का पुत्र सीदकियाहू सामने आया और मीकायाह के गाल पर मारते हुए कहने लगा, “याहवेह का आत्मा मुझमें से निकलकर तुमसे बातचीत करने किस प्रकार जा पहुंचा?”
उनसे कहना, ‘यह राजा का आदेश है: इस व्यक्ति को जेल में डाल दो और उसे उस समय तक ज़रा सा ही भोजन और पानी देना, जब तक मैं सुरक्षित न लौट आऊं.’ ”
मगर वे हमेशा अपने ही परमेश्वर के संदेशवाहकों का मज़ाक उड़ाते रहे, उनके संदेश का तिरस्कार करते रहे और परमेश्वर के भविष्यवक्ताओं को मज़ाक का पात्र बना दिया. यह तब तक होता रहा जब तक याहवेह का क्रोध उनकी प्रजा पर टूट न पड़ा, जब तक परिस्थिति काबू से बाहर न हो गई.
“ध्यान दो, कैसा प्रसन्न है वह व्यक्ति जिसको परमेश्वर ताड़ना देते हैं; तब सर्वशक्तिमान के द्वारा की जा रही ताड़ना से घृणा न करना.
समझदार संतान अपने पिता की शिक्षा का पालन करती है, किंतु ठट्ठा करनेवाले के लिए फटकार भी प्रभावहीन होती है.
जब मूर्ख आपकी बातें सुन रहा हो तब कुछ न कहना. क्योंकि तुम्हारी ज्ञान की बातें उसके लिए तुच्छ होंगी.
मगर प्रजा मौन रही. किसी ने भी उससे एक शब्द तक न कहा, क्योंकि राजा का आदेश ही यह था, “उसे उत्तर न देना!”