कैसे सुखी हैं आपके लोग और आपके ये सेवक, जो सदा आपके सामने रहते हैं, और आपकी बुद्धिमानी की बातें सुनते रहते हैं!
नीतिवचन 8:34 - सरल हिन्दी बाइबल धन्य होता है वह व्यक्ति, जो इन शिक्षाओं के समक्ष ठहरा रहता है, जिसे द्वार पर मेरी प्रतीक्षा रहती है. पवित्र बाइबल वही जन धन्य है, जो मेरी बात सुनता और रोज मेरे द्वारों पर दृष्टि लगाये रहता एवं मेरी ड्योढ़ी पर बाट जोहता रहता है। Hindi Holy Bible क्या ही धन्य है वह मनुष्य जो मेरी सुनता, वरन मेरी डेवढ़ी पर प्रति दिन खड़ा रहता, और मेरे द्वारों के खंभों के पास दृष्टि लगाए रहता है। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) मेरी बात को सुननेवाला मनुष्य धन्य है। वह प्रतिदिन मेरे द्वार पर आस लगाए खड़ा रहता है; वह मेरी प्रतीक्षा में द्वार पर पलकें बिछाए रहता है। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) क्या ही धन्य है वह मनुष्य जो मेरी सुनता, वरन् मेरी डेवढ़ी पर प्रतिदिन खड़ा रहता, और मेरे द्वारों के खंभों के पास दृष्टि लगाए रहता है। नवीन हिंदी बाइबल क्या ही धन्य है वह पुरुष जो मेरी सुनता है, और मेरे फाटकों पर प्रतिदिन दृष्टि लगाए रहता है, बल्कि मेरी चौखट पर प्रतीक्षा करता है। इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 क्या ही धन्य है वह मनुष्य जो मेरी सुनता, वरन् मेरी डेवढ़ी पर प्रतिदिन खड़ा रहता, और मेरे द्वारों के खम्भों के पास दृष्टि लगाए रहता है। |
कैसे सुखी हैं आपके लोग और आपके ये सेवक, जो सदा आपके सामने रहते हैं, और आपकी बुद्धिमानी की बातें सुनते रहते हैं!
याहवेह से मैंने एक ही प्रार्थना की है, यही मेरी आकांक्षा है: मैं आजीवन याहवेह के आवास में निवास कर सकूं, कि याहवेह के सौंदर्य को देखता रहूं और उनके मंदिर में मनन करता रहूं.
आपके परिसर में एक दिन, अन्यत्र के हजार दिनों से उत्तमतर है; दुष्टों के मंडप में निवास की अपेक्षा मैं, आपके भवन का द्वारपाल होना उपयुक्त समझता हूं.
वे जिस घर में मेमने को खाएंगे, उस घर के दरवाजे के दोनों तरफ और दरवाजे के माथे पर मेमने का खून लगाएं.
व्यस्त मार्गों के उच्चस्थ स्थान पर वह पुकार रही है, नगर प्रवेश पर वह यह बातें कह रही है:
जो उसे अपना लेते हैं, उनके लिए वह जीवन वृक्ष प्रमाणित होता है; जो उसे छोड़ते नहीं, वे धन्य होते हैं.
“इसलिये हर एक की तुलना, जो मेरी इन शिक्षाओं को सुनकर उनका पालन करता है, उस बुद्धिमान व्यक्ति से की जा सकती है, जिसने अपने भवन का निर्माण चट्टान पर किया.
वे दोनों ही परमेश्वर की दृष्टि में धर्मी तथा प्रभु के सभी आदेशों और नियमों के पालन में दोषहीन थे.
किंतु प्रभु येशु ने कहा, “परंतु धन्य वे हैं, जो परमेश्वर के वचन को सुनकर उसका पालन करते हैं.”
वे सभी लगातार प्रेरितों की शिक्षा के प्रति समर्पित होकर, पारस्परिक संगति, प्रभु-भोज की क्रिया और प्रार्थना में लीन रहने लगे.