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नीतिवचन 8:34 - पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

34 क्या ही धन्य है वह मनुष्य जो मेरी सुनता, वरन् मेरी डेवढ़ी पर प्रतिदिन खड़ा रहता, और मेरे द्वारों के खंभों के पास दृष्‍टि लगाए रहता है।

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पवित्र बाइबल

34 वही जन धन्य है, जो मेरी बात सुनता और रोज मेरे द्वारों पर दृष्टि लगाये रहता एवं मेरी ड्योढ़ी पर बाट जोहता रहता है।

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Hindi Holy Bible

34 क्या ही धन्य है वह मनुष्य जो मेरी सुनता, वरन मेरी डेवढ़ी पर प्रति दिन खड़ा रहता, और मेरे द्वारों के खंभों के पास दृष्टि लगाए रहता है।

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

34 मेरी बात को सुननेवाला मनुष्‍य धन्‍य है। वह प्रतिदिन मेरे द्वार पर आस लगाए खड़ा रहता है; वह मेरी प्रतीक्षा में द्वार पर पलकें बिछाए रहता है।

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नवीन हिंदी बाइबल

34 क्या ही धन्य है वह पुरुष जो मेरी सुनता है, और मेरे फाटकों पर प्रतिदिन दृष्‍टि लगाए रहता है, बल्कि मेरी चौखट पर प्रतीक्षा करता है।

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सरल हिन्दी बाइबल

34 धन्य होता है वह व्यक्ति, जो इन शिक्षाओं के समक्ष ठहरा रहता है, जिसे द्वार पर मेरी प्रतीक्षा रहती है.

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

34 क्या ही धन्य है वह मनुष्य जो मेरी सुनता, वरन् मेरी डेवढ़ी पर प्रतिदिन खड़ा रहता, और मेरे द्वारों के खम्भों के पास दृष्टि लगाए रहता है।

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नीतिवचन 8:34
17 क्रॉस रेफरेंस  

धन्य हैं तेरे जन! धन्य हैं तेरे ये सेवक! जो नित्य तेरे सम्मुख उपस्थित रहकर तेरी बुद्धि की बातें सुनते हैं।


एक वर मैं ने यहोवा से माँगा है, उसी के यत्न में लगा रहूँगा; कि मैं जीवन भर यहोवा के भवन में रहने पाऊँ, जिससे यहोवा की मनोहरता पर दृष्‍टि लगाए रहूँ, और उसके मन्दिर में ध्यान किया करूँ।


क्योंकि तेरे आँगनों में का एक दिन और कहीं के हज़ार दिन से उत्तम है। दुष्‍टों के डेरों में वास करने से अपने परमेश्‍वर के भवन की डेवढ़ी पर खड़ा रहना ही मुझे अधिक भावता है।


वे यहोवा के भवन में रोपे जाकर, हमारे परमेश्‍वर के आँगनों में फूले फलेंगे।


तब वे उसके लहू में से कुछ लेकर जिन घरों में मेम्ने को खाएँगे उनके द्वार के दोनों अलंगों और चौखट के सिरे पर लगाएँ।


वह बाज़ारों की भीड़ में पुकारती है; वह फाटकों के बीच में और नगर के भीतर भी ये बातें बोलती है :


क्या ही धन्य है वह मनुष्य जो बुद्धि पाए, और वह मनुष्य जो समझ प्राप्‍त करे,


जो बुद्धि को ग्रहण कर लेते हैं, उनके लिये वह जीवन का वृक्ष बनती है; और जो उसको पकड़े रहते हैं, वह धन्य हैं।


“इसलिये जो कोई मेरी ये बातें सुनकर उन्हें मानता है, वह उस बुद्धिमान मनुष्य के समान ठहरेगा जिसने अपना घर चट्टान पर बनाया।


वे दोनों परमेश्‍वर के सामने धर्मी थे, और प्रभु की सारी आज्ञाओं और विधियों पर निर्दोष चलनेवाले थे।


मरियम नामक उसकी एक बहिन थी। वह प्रभु के चरणों में बैठकर उसका वचन सुनती थी।


उसने कहा, “हाँ; परन्तु धन्य वे हैं जो परमेश्‍वर का वचन सुनते और मानते हैं।”


और वे प्रेरितों से शिक्षा पाने, और संगति रखने, और रोटी तोड़ने, और प्रार्थना करने में लौलीन रहे।


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