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नीतिवचन 16:10 - सरल हिन्दी बाइबल

राजा के मुख द्वारा घोषित निर्णय दिव्य वाणी के समान होते हैं, तब उसके निर्णयों में न्याय-विसंगति अनुपयुक्त है.

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पवित्र बाइबल

राजा जो बोलता नियम बन जाता है उसे चाहिए वह न्याय से नहीं चूके।

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Hindi Holy Bible

राजा के मुंह से दैवी वाणी निकलती है, न्याय करने में उस से चूक नहीं होती।

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

राजा के मुंह में दिव्‍य वाणी निवास करती है, अत: न्‍याय करने में वह गलती नहीं करता।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

राजा के मुँह से दैवीवाणी निकलती है, न्याय करने में उससे चूक नहीं होती।

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नवीन हिंदी बाइबल

राजा के मुँह से दिव्य वाणी निकलती है; न्याय करने में उससे कोई चूक नहीं होती।

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

राजा के मुँह से दैवीवाणी निकलती है, न्याय करने में उससे चूक नहीं होती।

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नीतिवचन 16:10
17 क्रॉस रेफरेंस  

योसेफ़ ने उनसे कहा, “यह क्या किया है आप लोगों ने? क्या आपको यह बोध नहीं कि मैं अपने इस पद पर होने के कारण वास्तव में भविष्य ज्ञात कर सकता हूं?”


क्या यह वही पात्र नहीं है, जिससे हमारे स्वामी पीते हैं, जिससे वह भावी जानते हैं? आप लोगों ने यह उचित नहीं किया है.’ ”


क्योंकि जब महाराज यह सुनेंगे, वही अपनी सेविका को उस व्यक्ति से सुरक्षा प्रदान करेंगे, जो मुझे और मेरे पुत्र को परमेश्वर के उत्तराधिकार से वंचित करने पर है.’


तब सारे इस्राएल ने इस निर्णय के बारे में सुना कि राजा ने कैसा निर्णय दिया है, सबके मन में राजा का भय छा गया. क्योंकि वे यह साफ़ देख रहे थे कि न्याय करने के लिए राजा में परमेश्वर की बुद्धि थी.


जब वह इस प्रकार मजबूत होता गया, घमण्ड़ ने उसे आ घेरा. वह याहवेह उसके परमेश्वर के लिए सच्चा भी न रह गया. वह याहवेह के मंदिर में चला गया कि वह धूप वेदी पर धूप जलाए.


राजा शक्ति-सम्पन्‍न हैं, वह जो न्याय को प्रिय मानता है, उन्होंने इस्राएल में समता की स्थापना की है; जो न्याय संगत और उचित है.


न्याय्यता पर ही राजा अपने राष्ट्र का निर्माण करता है, किंतु वह, जो जनता को करो के बोझ से दबा देता है, राष्ट्र के विनाश को आमंत्रित करता है.


वे बहुत सी प्रतिज्ञाएं करते हैं, झूठी शपथ खाते हैं और सहमति बनाते हैं; इसलिये हल चलाये गये खेत में उगे जहरीले घास-पात के समान मुकदमे होने लगते हैं.


ऐसे लोग हैं जो न्याय को बिगाड़ते हैं और धर्मीपन को मिट्टी में मिला देते हैं.


क्या घोड़े करारदार चट्टानों पर दौड़ते हैं? क्या कोई बैलों से समुद्र में हल चलाता है? पर तुमने न्याय को विष में और धर्मीपन के फल को कड़वाहट में बदल दिया है—