पृथ्वी पर चालीस दिन तथा चालीस रात तक पानी बरसता रहा. पानी ऊपर होता गया और जहाज़ भी ऊपर उठता गया.
उत्पत्ति 7:12 - सरल हिन्दी बाइबल और पृथ्वी पर चालीस दिन तथा चालीस रात लगातार बरसात होती रही. Hindi Holy Bible और वर्षा चालीस दिन और चालीस रात निरन्तर पृथ्वी पर होती रही। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) चालीस दिन और चालीस रात तक पृथ्वी पर वर्षा होती रही। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) और वर्षा चालीस दिन और चालीस रात निरन्तर पृथ्वी पर होती रही। नवीन हिंदी बाइबल और पृथ्वी पर चालीस दिन और चालीस रात वर्षा होती रही। इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 और वर्षा चालीस दिन और चालीस रात निरन्तर पृथ्वी पर होती रही। |
पृथ्वी पर चालीस दिन तथा चालीस रात तक पानी बरसता रहा. पानी ऊपर होता गया और जहाज़ भी ऊपर उठता गया.
क्योंकि अब से सात दिन के बाद, मैं पृथ्वी पर जल बरसाऊंगा, चालीस दिन तथा चालीस रात तक जल बरसाता रहूंगा और भूमि पर मेरे द्वारा रचे गये सभी जीवित प्राणी नष्ट हो जायेंगे.”
एलियाह उठे, उन्होंने भोजन किया, जल पिया और उसी भोजन से बल पाकर चालीस दिन और चालीस रात लगातार चलते-चलते वह परमेश्वर के पर्वत होरेब पहुंच गए.
पहले की अवधि के समान मैं पर्वत पर चालीस दिन और चालीस रात ठहरा रहा. इस अवसर पर भी याहवेह ने मेरी प्रार्थना सुन ली; उन्होंने तुम्हें नाश करने का विचार ही त्याग दिया.
उन पहले के चालीस दिनों और चालीस रातों के समान मैं याहवेह के सामने पड़ा रहा; मैंने न तो भोजन किया, न जल का पान; क्योंकि तुमने वह भीषण पाप कर डाला था, जो याहवेह की दृष्टि में बुरा था. इससे तुमने याहवेह का कोप भड़का डाला था.
जब मैं उस पर्वत पर गया हुआ था, जहां चालीस दिन और चालीस रात ठहरा रहा था, कि वे पत्थर की पट्टियां पाऊं; वे वाचा की पट्टियां, जिन पर याहवेह ने वह वाचा गढ़ दी थी, जो उन्होंने तुम्हारे साथ बांधी थी; तब मैंने न तो वहां भोजन ही किया और न जल पिया.