याहवेह के दूत ने यह भी कहा: “देखो, तुम गर्भवती होगी और एक पुत्र को जन्म दोगी. उसका नाम तुम इशमाएल रखना, क्योंकि याहवेह ने तुम्हारे रोना सुना है.
उत्पत्ति 29:32 - सरल हिन्दी बाइबल लियाह गर्भवती हुई और उसने एक बेटे को जन्म दिया और उसका नाम रियूबेन यह कहकर रखा, “याहवेह ने मेरे दुःख को देखा, और अब मेरे पति ज़रूर मुझसे प्रेम करेंगे.” पवित्र बाइबल लिआ ने एक पुत्र को जन्म दिया। उसने उसका नाम रूबेन रखा। लिआ ने उसका यह नाम इसलिए रखा क्योंकि उसने कहा, “यहोवा ने मेरे कष्टों को देखा है। मेरा पति मुझको प्यार नहीं करता, इसलिए हो सकता है कि मेरा पति अब मुझसे प्यार करे।” Hindi Holy Bible सो लिआ: गर्भवती हुई, और उसके एक पुत्र उत्पन्न हुआ, और उसने यह कहकर उसका नाम रूबेन रखा, कि यहोवा ने मेरे दु:ख पर दृष्टि की है: सो अब मेरा पति मुझ से प्रीति रखेगा। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) लिआ गर्भवती हुई। उसने एक पुत्र को जन्म दिया। उसने उसका नाम ‘रूबेन’ रखा; क्योंकि वह कहती थी, ‘प्रभु ने मेरी पीड़ा पर दृष्टि की है। अब निश्चय ही मेरा पति मुझसे प्रेम करेगा।’ पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) अत: लिआ: गर्भवती हुई और उसके एक पुत्र उत्पन्न हुआ, और उसने यह कहकर उसका नाम रूबेन रखा, “यहोवा ने मेरे दु:ख पर दृष्टि की है, अब मेरा पति मुझ से प्रीति रखेगा।” नवीन हिंदी बाइबल अतः लिआ गर्भवती हुई और उसके एक पुत्र उत्पन्न हुआ। उसने यह कहकर उसका नाम रूबेन रखा, “क्योंकि यहोवा ने मेरा दुःख देखा है, इसलिए अब मेरा पति मुझसे अवश्य प्रेम करेगा।” इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 अतः लिआ गर्भवती हुई, और उसके एक पुत्र उत्पन्न हुआ, और उसने यह कहकर उसका नाम रूबेन रखा, “यहोवा ने मेरे दुःख पर दृष्टि की है, अब मेरा पति मुझसे प्रीति रखेगा।” |
याहवेह के दूत ने यह भी कहा: “देखो, तुम गर्भवती होगी और एक पुत्र को जन्म दोगी. उसका नाम तुम इशमाएल रखना, क्योंकि याहवेह ने तुम्हारे रोना सुना है.
जब याहवेह ने देखा कि लियाह को प्यार नहीं मिल रहा, याहवेह ने लियाह को गर्भ से आशीषित किया और राहेल को बांझ कर दिया.
यदि मेरे पिता के परमेश्वर, अब्राहाम तथा यित्सहाक के परमेश्वर का भय मेरे साथ न होता, तो आपने तो मुझे रिक्त हस्त ही विदा कर दिया होता. परमेश्वर ने मेरे कष्ट एवं मेरे हाथों के परिश्रम को देखा है, और उसका प्रतिफल उन्होंने मुझे कल रात में प्रदान कर दिया है.”
जब इस्राएल उस देश में रह रहे थे, तब रियूबेन ने अपने पिता की रखेल बिलहाह से संभोग किया, जो इस्राएल से छिपा न रहा. याकोब के पुत्र संख्या में बारह थे.
इनमें लियाह के पुत्र: याकोब का बड़ा बेटा रियूबेन, फिर शिमओन, लेवी, यहूदाह, इस्साखार तथा ज़ेबुलून थे.
जब रियूबेन उस गड्ढे पर लौटा, तब उसने देखा कि योसेफ़ वहां नहीं हैं. यह देख उसने अपने वस्त्र फाड़ लिए.
रियूबेन ने कहा, “क्या मैं नहीं कह रहा था, लड़के के विरुद्ध कोई अपराध मत करो? तुमने मेरी बात न सुनी. अब समय आ गया है; उसकी हत्या का बदला पाने का.”
जब रास्ते में गधे को चारा देने के उद्देश्य से उनमें से एक ने बोरा खोला, तो उसे वही रुपया दिखा जिसे उसने उन्हें दिया था.
संभव है याहवेह मेरी पीड़ा पर दृष्टि करें और उसके द्वारा की जा रही शाप की बारिश का प्रतिफल मुझे मेरे कल्याण में दें.”
अब इस्राएल के पहलौठे रियूबेन वंशज, (किंतु इसलिये कि उसने अपने पिता के बिस्तर को अशुद्ध किया था, उसके पहलौठे का जन्मसिद्ध अधिकार इस्राएल के पुत्र योसेफ़ के पुत्रों को दे दिया गया; फलस्वरूप वंशावली में उसका लेख पहलौठे के रूप में नहीं किया जा सका,
याहवेह परमेश्वर ने मोशेह से कहा, “मिस्र देश में मेरे लोगों की हालत मैंने देखी है; उनके कष्टकर मेहनत कराने वालों के कारण उनका रोना मैंने सुना है और उनके कष्ट को जानता हूं,
चिन्ह देखकर लोगों ने उनका विश्वास किया और जब उन्हें यह पता चला कि याहवेह ने इस्राएलियों की ओर कान लगाया है और उनके दुखों की ओर ध्यान दिया है, तब उन्होंने झुककर प्रणाम किया और परमेश्वर की आराधना की.
“तुम्हारी सहायता के लिए ठहराए गए पुरुषों के नाम ये हैं: “रियूबेन से शेदेउर का पुत्र एलिज़ुर;
“प्रभु ने मुझ पर यह कृपादृष्टि की है और समूह में मेरी लज्जित स्थिति से मुझे उबार लिया है.”
तब हमने अपने पूर्वजों के परमेश्वर याहवेह की दोहाई दी, और याहवेह ने हमारी सुन ली. उन्होंने हमारे अत्याचार और श्रम पीड़ा पर दृष्टि की.
शाप उच्चारण के लिए एबल पर्वत पर खड़े व्यक्ति इन गोत्रों से होंगे: रियूबेन, गाद, आशेर, ज़ेबुलून, दान और नफताली.
प्रार्थना करते हुए उसने यह शपथ की: “सर्वशक्तिमान याहवेह, यदि आप अपनी दासी की व्यथा पर करुणा-दृष्टि करें, मुझे स्मरण करें, तथा मेरी स्थिति को भुला न दें और अपनी दासी को पुत्र दें, तो मैं उसे आजीवन के लिए आपको समर्पित कर दूंगी. उसके केश कभी काटे न जाएंगे.”
सही समय पर हन्नाह ने गर्भधारण किया और एक पुत्र को जन्म दिया. उसने यह याद करते हुए शमुएल नाम दिया, “मैंने याहवेह से इसकी याचना की थी.”