उत्पत्ति 29:32 - पवित्र बाइबल32 लिआ ने एक पुत्र को जन्म दिया। उसने उसका नाम रूबेन रखा। लिआ ने उसका यह नाम इसलिए रखा क्योंकि उसने कहा, “यहोवा ने मेरे कष्टों को देखा है। मेरा पति मुझको प्यार नहीं करता, इसलिए हो सकता है कि मेरा पति अब मुझसे प्यार करे।” अध्याय देखेंHindi Holy Bible32 सो लिआ: गर्भवती हुई, और उसके एक पुत्र उत्पन्न हुआ, और उसने यह कहकर उसका नाम रूबेन रखा, कि यहोवा ने मेरे दु:ख पर दृष्टि की है: सो अब मेरा पति मुझ से प्रीति रखेगा। अध्याय देखेंपवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)32 लिआ गर्भवती हुई। उसने एक पुत्र को जन्म दिया। उसने उसका नाम ‘रूबेन’ रखा; क्योंकि वह कहती थी, ‘प्रभु ने मेरी पीड़ा पर दृष्टि की है। अब निश्चय ही मेरा पति मुझसे प्रेम करेगा।’ अध्याय देखेंपवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)32 अत: लिआ: गर्भवती हुई और उसके एक पुत्र उत्पन्न हुआ, और उसने यह कहकर उसका नाम रूबेन रखा, “यहोवा ने मेरे दु:ख पर दृष्टि की है, अब मेरा पति मुझ से प्रीति रखेगा।” अध्याय देखेंनवीन हिंदी बाइबल32 अतः लिआ गर्भवती हुई और उसके एक पुत्र उत्पन्न हुआ। उसने यह कहकर उसका नाम रूबेन रखा, “क्योंकि यहोवा ने मेरा दुःख देखा है, इसलिए अब मेरा पति मुझसे अवश्य प्रेम करेगा।” अध्याय देखेंसरल हिन्दी बाइबल32 लियाह गर्भवती हुई और उसने एक बेटे को जन्म दिया और उसका नाम रियूबेन यह कहकर रखा, “याहवेह ने मेरे दुःख को देखा, और अब मेरे पति ज़रूर मुझसे प्रेम करेंगे.” अध्याय देखें |
रूबेन इस्राएल का प्रथम पुत्र था। रुबेन को सबसे बड़े पुत्र होने की विशेष सुविधायें प्राप्त होनी चाहिए थीं। किन्तु रूबेन ने अपने पिता की पत्नी के साथ शारिरिक सम्बन्ध किया। इसलिये वे सुविधाएं यूसुफ के पुत्रों को मिलीं। परिवार के इतिहास में रूबेन का नाम प्रथम पुत्र के रूप में लिखित नहीं है। यहूदा अपने भाईयों से अधिक बलवान हो गया, अतः उसके परिवार से प्रमुख आए। किन्तु यूसुफ के परिवार ने वे अन्य सुविधायें पाईं, जो सबसे बड़े पुत्र को मिलती थी। रूबेन के पुत्र हनोक, पल्लू, हेस्रोन और कर्मी थे।