“दाखलता मैं ही हूं, तुम डालियां हो. वह, जो मुझमें स्थिर बना रहता है और मैं उसमें, बहुत फल देता है; मुझसे अलग होकर तुम कुछ भी नहीं कर सकते.
इफिसियों 4:16 - सरल हिन्दी बाइबल जिनके द्वारा सारा शरीर जोड़ों द्वारा गठकर और एक साथ मिलकर प्रेम में विकसित होता जाता है क्योंकि हर एक अंग अपना तय किया गया काम ठीक-ठाक करता जाता है. पवित्र बाइबल जिस पर समूची देह निर्भर करती है। यह देह उससे जुड़ती हुई प्रत्येक सहायक नस से संयुक्त होती है और जब इसका हर अंग जो काम उसे करना चाहिए, उसे पूरा करता है तो प्रेम के साथ समूची देह का विकास होता है और यह देह स्वयं सुदृढ़ होती है। Hindi Holy Bible जिस से सारी देह हर एक जोड़ की सहायता से एक साथ मिलकर, और एक साथ गठकर उस प्रभाव के अनुसार जो हर एक भाग के परिमाण से उस में होता है, अपने आप को बढ़ाती है, कि वह प्रेम में उन्नति करती जाए॥ पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) और उनसे समस्त देह को बल मिलता है। तब देह अपनी सब सन्धियों द्वारा सुसंघटित हो कर प्रत्येक अंग की समुचित सक्रियता से अपनी परिपूर्णता तक पहुंचती और प्रेम द्वारा अपना निर्माण करती है। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) जिससे सारी देह, हर एक जोड़ की सहायता से एक साथ मिलकर और एक साथ गठकर, उस प्रभाव के अनुसार जो हर एक अंग के ठीक–ठीक कार्य करने के द्वारा उस में होता है, अपने आप को बढ़ाती है कि वह प्रेम में उन्नति करती जाए। नवीन हिंदी बाइबल जिसके द्वारा सारी देह प्रत्येक जोड़ की सहायता से एक साथ जुड़ती और सुगठित होती है, और हर एक अंग के अपनी क्षमता के अनुसार कार्य करने से देह का विकास होता है, और प्रेम में स्वयं उसकी उन्नति होती है। इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 जिससे सारी देह हर एक जोड़ की सहायता से एक साथ मिलकर, और एक साथ गठकर, उस प्रभाव के अनुसार जो हर एक अंग के ठीक-ठीक कार्य करने के द्वारा उसमें होता है, अपने आपको बढ़ाती है कि वह प्रेम में उन्नति करती जाए। |
“दाखलता मैं ही हूं, तुम डालियां हो. वह, जो मुझमें स्थिर बना रहता है और मैं उसमें, बहुत फल देता है; मुझसे अलग होकर तुम कुछ भी नहीं कर सकते.
यह इसलिये कि जिस प्रकार हमारे शरीर में अनेक अंग होते हैं और सब अंग एक ही काम नहीं करते;
अब मूर्तियों को चढ़ाई हुई वस्तुओं के संबंध में: हम जानते हैं कि हम सब ज्ञानी हैं. वास्तव में तो ज्ञान हमें घमंडी बनाता है जबकि प्रेम हमें उन्नत करता है.
ख़तनित होना या न होना मसीह येशु में किसी महत्व का नहीं है; महत्व है सिर्फ विश्वास का जिसका प्रभाव दिखता है प्रेम में.
उन्होंने संसार की सृष्टि से पूर्व ही हमें मसीह में चुन लिया कि हम उनकी दृष्टि में पवित्र व निष्कलंक हों. प्रेम में
परमेश्वर के अनुग्रह के वरदान में उनकी सक्रिय सामर्थ्य के अनुसार यह ईश्वरीय सुसमाचार मुझे सौंपा गया और मैं जिसका सेवक चुना गया.
परंतु सच को प्रेमपूर्वक व्यक्त करते हुए हर एक पक्ष में हमारी उन्नति उनमें होती जाए, जो प्रधान हैं, अर्थात्, मसीह.
मेरी प्रार्थना यह है कि तुम्हारा प्रेम वास्तविक ज्ञान और विवेक में और भी अधिक समृद्ध होता जाए,
यह व्यक्ति उस सिर को दृढतापूर्वक थामे नहीं रहता जिससे सारा शरीर जोड़ों और सांस लेनेवाले अंगों द्वारा पोषित तथा सम्बद्ध रहता और परमेश्वर द्वारा किए गए विकास से बढ़ता जाता है.
कि उनके हृदय प्रोत्साहित होकर प्रेम में जुड़कर उस पूरे धन को प्राप्त हो, जो समझ के पूरे निश्चय में और परमेश्वर के भेद का वास्तविक ज्ञान हो, जो स्वयं मसीह है,
हम हमेशा ही परमेश्वर, हमारे पिता के सामने तुम्हारे विश्वास के काम, प्रेम का परिश्रम तथा हमारे प्रभु येशु मसीह में तुम्हारी दृढ़ आशा को याद करते हैं.
यही कारण है कि हम भी परमेश्वर के प्रति निरंतर धन्यवाद प्रकट करते हैं कि जिस समय तुमने हमसे परमेश्वर के वचन के संदेश को स्वीकार किया, तुमने इसे किसी मनुष्य के संदेश के रूप में नहीं परंतु उसकी सच्चाई में अर्थात् परमेश्वर ही के वचन के रूप में ग्रहण किया, जो तुममें, जिन्होंने विश्वास किया है, कार्य भी कर रहा है.
तथा प्रभु ही तुम्हें एक दूसरे के प्रति ही नहीं परंतु सबके प्रति प्रेम में बढ़ाए तथा उन्नत करें, ठीक वैसे ही जैसे हम तुमसे प्रेम करते हैं
प्रिय भाई बहनो, तुम्हारे बढ़ते हुए विश्वास तथा हर एक में आपसी प्रेम के दिन-प्रतिदिन बढ़ते जाने के लिए परमेश्वर को हमारा लगातार धन्यवाद सही ही है.
हमारी आज्ञा का उद्देश्य है निर्मल हृदय से उत्पन्न प्रेम, शुद्ध अंतरात्मा तथा निष्कपट विश्वास.
इसलिये कि तुमने उस सच्चाई की आज्ञा मानने के द्वारा अपनी आत्मा को निश्छल भाईचारे के लिए पवित्र कर लिया है, अब तुममें आपस में उत्तम हार्दिक प्रेम ही देखा जाए.
हमने अपने प्रति परमेश्वर के प्रेम को जान लिया और उसमें विश्वास किया है. परमेश्वर प्रेम हैं. वह, जो प्रेम में स्थिर है, परमेश्वर में बना रहता है तथा स्वयं परमेश्वर उसमें बना रहता हैं.