1 थिस्सलुनीकियों 2:13 - सरल हिन्दी बाइबल यही कारण है कि हम भी परमेश्वर के प्रति निरंतर धन्यवाद प्रकट करते हैं कि जिस समय तुमने हमसे परमेश्वर के वचन के संदेश को स्वीकार किया, तुमने इसे किसी मनुष्य के संदेश के रूप में नहीं परंतु उसकी सच्चाई में अर्थात् परमेश्वर ही के वचन के रूप में ग्रहण किया, जो तुममें, जिन्होंने विश्वास किया है, कार्य भी कर रहा है. पवित्र बाइबल और इसलिए हम परमेश्वर का धन्यवाद निरन्तर करते रहते हैं क्योंकि हमसे तुमने जब परमेश्वर का वचन ग्रहण किया तो उसे मानवीय सन्देश के रूप में नहीं बल्कि परमेश्वर के सन्देश के रूप में ग्रहण किया, जैसा कि वह वास्तव में है। और तुम विश्वासियों पर जिसका प्रभाव भी है। Hindi Holy Bible इसलिये हम भी परमेश्वर का धन्यवाद निरन्तर करते हैं; कि जब हमारे द्वारा परमेश्वर के सुसमाचार का वचन तुम्हारे पास पहुंचा, तो तुम ने उस मनुष्यों का नहीं, परन्तु परमेश्वर का वचन समझकर (और सचमुच यह ऐसा ही है) ग्रहण किया: और वह तुम में जो विश्वास रखते हो, प्रभावशाली है। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) हम इसलिए निरन्तर परमेश्वर को धन्यवाद देते हैं कि जब आपने हम से परमेश्वर का सन्देश सुना और ग्रहण किया, तो आपने उसे मनुष्यों का वचन नहीं, बल्कि- जैसा कि वह वास्तव में है- परमेश्वर का वचन समझ कर स्वीकार किया और यह वचन अब आप विश्वासियों में क्रियाशील है। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) इसलिये हम भी परमेश्वर का धन्यवाद निरन्तर करते हैं कि जब हमारे द्वारा परमेश्वर के सुसमाचार का वचन तुम्हारे पास पहुँचा, तो तुम ने उसे मनुष्यों का नहीं परन्तु परमेश्वर का वचन समझकर (और सचमुच यह ऐसा ही है) ग्रहण किया; और वह तुम विश्वासियों में जो विश्वास रखते हो, प्रभावशील है। नवीन हिंदी बाइबल इसी कारण हम भी निरंतर परमेश्वर का धन्यवाद करते हैं कि जब हमारे द्वारा तुम्हें परमेश्वर के वचन का संदेश मिला, तो तुमने उसे मनुष्यों का नहीं, बल्कि परमेश्वर का वचन समझकर ग्रहण किया (सचमुच वह है भी) जो तुम विश्वास करनेवालों में कार्य भी करता है। इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 इसलिए हम भी परमेश्वर का धन्यवाद निरन्तर करते हैं; कि जब हमारे द्वारा परमेश्वर के सुसमाचार का वचन तुम्हारे पास पहुँचा, तो तुम ने उसे मनुष्यों का नहीं, परन्तु परमेश्वर का वचन समझकर (और सचमुच यह ऐसा ही है) ग्रहण किया और वह तुम में जो विश्वास रखते हो, कार्य करता है। |
तब शिअलतिएल के पुत्र ज़ेरुब्बाबेल, यहोत्सादाक का पुत्र महापुरोहित यहोशू, और सब बचे हुए लोगों ने याहवेह, अपने परमेश्वर के वचन और हाग्गय भविष्यवक्ता के संदेश का पालन किया, क्योंकि याहवेह उनके परमेश्वर ने उसे भेजा था. और लोगों ने याहवेह का भय माना.
“वह, जो तुम्हें स्वीकार करता है, मुझे स्वीकार करता है, और जो मुझे स्वीकार करता है, उन्हें स्वीकार करता है, जिन्होंने मुझे भेजा है.
किंतु प्रभु येशु ने कहा, “परंतु धन्य वे हैं, जो परमेश्वर के वचन को सुनकर उसका पालन करते हैं.”
एक दिन प्रभु येशु गन्नेसरत झील के तट पर खड़े थे. वहां एक बड़ी भीड़ उनसे परमेश्वर का वचन सुनने के लिए उन पर गिर पड़ रही थी.
प्रभु येशु ने कहा, “मेरी माता और भाई वे हैं, जो परमेश्वर का वचन सुनते तथा उसका पालन करते हैं.”
मैंने तुरंत आपको बुलवाने के लिए अपने सेवक भेजे और आपने यहां आने की कृपा की है. हम सब यहां इसलिये उपस्थित हैं कि आपसे वह सब सुनें जिसे सुनाने की आज्ञा आपको प्रभु की ओर से प्राप्त हुई है.”
यह सुनकर गैर-यहूदी आनंद में प्रभु के वचन की प्रशंसा करने लगे तथा अनंत जीवन के लिए पहले से ठहराए गए सुननेवालों ने इस पर विश्वास किया.
वहां थुआतेइरा नगर निवासी लुदिया नामक एक स्त्री थी, जो परमेश्वर की आराधक थी. वह बैंगनी रंग के वस्त्रों की व्यापारी थी. उसने हमारा वार्तालाप सुना और प्रभु ने पौलॉस द्वारा दी जा रही शिक्षा के प्रति उसका हृदय खोल दिया.
बेरोयावासी यहूदी थेस्सलोनिकेयुस के लोगों की तुलना में अधिक महान चरित्र के थे. उन्होंने प्रभु के वचन को बड़ी लालसा से स्वीकार कर लिया. बातों की सच्चाई की पुष्टि के उद्देश्य से वे हर दिन पवित्र शास्त्र का गंभीरता से अध्ययन किया करते थे.
जैसे ही उन लोगों ने मरे हुओं में से जी उठने का वर्णन सुना, उनमें से कुछ तो ठट्ठा करने लगे किंतु कुछ अन्यों ने कहा, “इस विषय में हम आपसे और अधिक सुनना चाहेंगे.”
जितनों ने पेतरॉस के प्रवचन को स्वीकार किया, उन्होंने बपतिस्मा लिया. उस दिन लगभग तीन हज़ार व्यक्ति उनमें शामिल हो गए.
जब येरूशलेम नगर में प्रेरितों को यह मालूम हुआ कि शमरिया नगर ने परमेश्वर के वचन को स्वीकार कर लिया है, उन्होंने पेतरॉस तथा योहन को वहां भेज दिया.
इसलिये स्पष्ट है कि विश्वास की उत्पत्ति होती है सुनने के माध्यम से तथा सुनना मसीह के वचन के माध्यम से.
और हम, जो खुले मुख से प्रभु की महिमा निहारते हैं, धीरे धीरे बढ़ती हुई महिमा के साथ उनके स्वरूप में बदलते जा रहे हैं. यह महिमा प्रभु से, जो आत्मा हैं, बाहर निकलती है.
परंतु मेरी शारीरिक स्थिति के कारण, जो तुम्हारे लिए एक परख थी, तुमने न तो मुझसे घृणा की और न ही मुझसे मुख मोड़ा, परंतु मुझे इस प्रकार स्वीकार किया, मानो मैं परमेश्वर का स्वर्गदूत हूं, मसीह येशु हूं.
जिसे तुमने प्राप्त किया है, यह सुसमाचार लगातार पूरे संसार में और तुममें भी उसी दिन से फूल और फल रहा है, जिस दिन से तुमने इसे सुना और तुम्हें तभी परमेश्वर के अनुग्रह का अहसास हुआ.
परमेश्वर का वचन जीवित, सक्रिय तथा किसी भी दोधारी तलवार से कहीं अधिक धारदार है, जो हमारे भीतर में प्रवेश कर हमारी आत्मा, प्राण, जोड़ों तथा मज्जा को भेद देता है. यह हमारे हृदय के उद्धेश्यों तथा विचारों को पहचानने में सक्षम है.
हमें भी ईश्वरीय सुसमाचार उसी प्रकार सुनाया गया था जैसे उन्हें, किंतु सुना हुआ वह ईश्वरीय सुसमाचार उनके लिए लाभप्रद सिद्ध नहीं हुआ क्योंकि उन्होंने इसे विश्वास से ग्रहण नहीं किया था.
उन्होंने अपनी इच्छा पूरी करने के लिए हमें सत्य के वचन के द्वारा नया जीवन दिया है कि हम उनके द्वारा बनाए गए प्राणियों में पहले फल के समान हों.
तुम्हारा नया जन्म नाशवान नहीं परंतु अनंत जीवन तत्व अर्थात् परमेश्वर के जीवित और सदा ठहरने वाले वचन के द्वारा हुआ है
वचन के निर्मल दूध के लिए तुम्हारी लालसा नवजात शिशुओं के समान हो कि तुम उसके द्वारा उद्धार के पूर्ण अनुभव में बढ़ते जाओगे.
यह तुम्हारे लिए ज़रूरी है कि तुम पवित्र भविष्यद्वक्ताओं द्वारा पहले से कही बातों तथा प्रेरितों के माध्यम से दिए गए हमारे प्रभु व उद्धारकर्ता के आदेशों को याद करो.
हर एक व्यक्ति, जिसने उनसे यह आशा रखी है, स्वयं को वैसा ही पवित्र रखता है, जैसे वह पवित्र हैं.