यदि आपके भोजन के कारण साथी उदास होता है तो तुम्हारा स्वभाव प्रेम के अनुसार नहीं रहा. अपने भोजन के कारण तो उसका विनाश न करो, जिसके लिए मसीह ने अपने प्राण दिए!
1 कुरिन्थियों 10:23 - सरल हिन्दी बाइबल उचित तो सभी कुछ है किंतु सभी कुछ लाभदायक नहीं. उचित तो सभी कुछ है किंतु सभी कुछ उन्नति के लिए नहीं. पवित्र बाइबल जैसा कि कहा गया है कि, “हम कुछ भी करने के लिये स्वतन्त्र हैं।” पर सब कुछ हितकारी तो नहीं है। “हम कुछ भी करने के लिए स्वतन्त्र हैं” किन्तु हर किसी बात से विश्वास सुदृढ़ तो नहीं होता। Hindi Holy Bible सब वस्तुएं मेरे लिये उचित तो हैं, परन्तु सब लाभ की नहीं: सब वस्तुएं मेरे लिये उचित तो हैं, परन्तु सब वस्तुओं से उन्नित नहीं। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) “सब कुछ करने की अनुमति है,” किन्तु सब कुछ हितकर नहीं। “सब कुछ करने की अनुमति है,” किन्तु सब कुछ से निर्माण नहीं होता। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) सब वस्तुएँ मेरे लिये उचित तो हैं, परन्तु सब लाभ की नहीं : सब वस्तुएँ मेरे लिये उचित तो हैं, परन्तु सब वस्तुओं से उन्नति नहीं। नवीन हिंदी बाइबल सब वस्तुएँ उचित तो हैं, परंतु सब वस्तुएँ लाभ की नहीं। सब वस्तुएँ उचित तो हैं, परंतु सब वस्तुओं से उन्नति नहीं होती। इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 सब वस्तुएँ मेरे लिये उचित तो हैं, परन्तु सब लाभ की नहीं। सब वस्तुएँ मेरे लिये उचित तो हैं, परन्तु सब वस्तुओं से उन्नति नहीं। |
यदि आपके भोजन के कारण साथी उदास होता है तो तुम्हारा स्वभाव प्रेम के अनुसार नहीं रहा. अपने भोजन के कारण तो उसका विनाश न करो, जिसके लिए मसीह ने अपने प्राण दिए!
इसी प्रकार तुम भी, जो आत्मिक वरदानों के प्रति इतने उत्सुक हो, उन क्षमताओं के उपयोग के लिए ऐसे प्रयासरत रहो कि उनसे कलीसिया का पूरी तरह विकास हो.
निःसंदेह तुमने तो सुंदर रीति से धन्यवाद प्रकट किया किंतु इससे उस व्यक्ति का कुछ भी भला नहीं हुआ.
तब, प्रिय भाई बहनो, निष्कर्ष क्या निकला? जब तुम आराधना के लिए इकट्ठा होते हो, तो तुममें से कोई तो गीत प्रस्तुत करता है, कोई उपदेश देता है, कोई प्रभु के द्वारा दिया गया प्रकाशन प्रस्तुत करता है, कोई अन्य भाषा में बातें करता तथा कोई उसका अनुवाद करता है. प्रिय भाई बहनो, तुम जो कुछ करो वह कलीसिया की उन्नति के लिए हो.
कदाचित कोई यह कहे, “मेरे लिए सब कुछ व्यवस्था के हिसाब से सही है.” ठीक है, किंतु मैं कहता हूं कि तुम्हारे लिए सब कुछ लाभदायक नहीं है. मैं भी कह सकता हूं कि मेरे लिए सब कुछ व्यवस्था के हिसाब से सही है किंतु मैं नहीं चाहूंगा कि मैं किसी भी वस्तु का दास बनूं.
अब मूर्तियों को चढ़ाई हुई वस्तुओं के संबंध में: हम जानते हैं कि हम सब ज्ञानी हैं. वास्तव में तो ज्ञान हमें घमंडी बनाता है जबकि प्रेम हमें उन्नत करता है.
यह संभव है तुम अपने मन में यह विचार कर रहे हो कि हम यह सब अपने बचाव में कह रहे हैं. प्रिय मित्रो, हम यह सब परमेश्वर के सामने मसीह येशु में तुम्हें उन्नत करने के उद्देश्य से कह रहे हैं.
तुम्हारे मुख से कोई भद्दे शब्द नहीं परंतु ऐसा वचन निकले, जो अवसर के अनुकूल, अन्यों के लिए अनुग्रह का कारण तथा सुननेवालों के लिए भला हो.
इसलिये तुम, जैसा इस समय कर ही रहे हो, एक दूसरे को आपस में प्रोत्साहित तथा उन्नत करने में लगे रहो.
और न पुरानी कहानियों और अंतहीन वंशावलियों में लीन रहें. इनसे विश्वास पर आधारित परमेश्वर की योजना के उन्नत होने की बजाय मतभेद उत्पन्न होता है.