व्यवस्थाविवरण 5:5 - पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) उस आग के डर के मारे तुम पर्वत पर न चढ़े, इसलिये मैं यहोवा के और तुम्हारे बीच उसका वचन तुम्हें बताने को खड़ा रहा। तब उसने कहा, पवित्र बाइबल उस समय तुमको यह बताने के लिए कि यहोवा ने क्या कहा, मैं तुम लोगों और यहोवा के बीच खड़ा था। क्यों? क्योंकि तुम आग से डर गए थे और तुमने पर्वत पर जाने से इन्कार कर दिया था। यहोवा ने कहाः Hindi Holy Bible उस आग के डर के मारे तुम पर्वत पर न चढ़े, इसलिये मैं यहोवा के और तुम्हारे बीच उसका वचन तुम्हें बताने को खड़ा रहा। तब उसने कहा, पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) उस समय मैं प्रभु का वचन तुम पर घोषित करने के लिए तुम्हारे और प्रभु के मध्य खड़ा था; क्योंकि तुम अग्नि के कारण डर गए थे, और पहाड़ पर नहीं चढ़े थे। तब प्रभु ने कहा था : सरल हिन्दी बाइबल उस अवसर पर मैं याहवेह और तुम्हारे बीच खड़ा हुआ था. तुम तो निकट आने के विचार से ही डर गए थे, तब मैं तुम्हारे लिए याहवेह की बातों को स्पष्ट करते हुए घोषित करता जा रहा था. आग के भय से तुम ऊपर नहीं जाना चाह रहे थे. याहवेह ने कहा था: इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 उस आग के डर के मारे तुम पर्वत पर न चढ़े, इसलिए मैं यहोवा के और तुम्हारे बीच उसका वचन तुम्हें बताने को खड़ा रहा। तब उसने कहा, |
उसने ऊँचे स्थान गिरा दिए, लाठों को तोड़ दिया, अशेरा को काट डाला। पीतल का जो साँप मूसा ने बनाया था, उसको उसने इस कारण चूर चूर कर दिया, कि उन दिनों तक इस्राएली उसके लिये धूप जलाते थे; और उसने उसका नाम नहुशतान रखा।
इसलिये उसने कहा कि मैं उनका सत्यानाश कर डालता यदि मेरा चुना हुआ मूसा जोखिम के स्थान में उनके लिये खड़ा न होता ताकि मेरी जलजलाहट को ठण्डा करे कहीं ऐसा न हो कि मैं उन्हें नष्ट कर डालूँ।
जब तीसरा दिन आया तब भोर होते ही बादल गरजने और बिजली चमकने लगी, और पर्वत पर काली घटा छा गई, फिर नरसिंगे का बड़ा भारी शब्द हुआ, और छावनी में जितने लोग थे सब काँप उठे।
तब यहोवा ने मूसा से कहा, “नीचे उतर के लोगों को चेतावनी दे, कहीं ऐसा न हो कि वे बाड़ा तोड़ के यहोवा के पास देखने को घुसें, और उनमें से बहुत से नष्ट हो जाएँ।
उनका महापुरुष उन्हीं में से होगा, और जो उन पर प्रभुता करेगा, वह उन्हीं में से उत्पन्न होगा; मैं उसे अपने निकट बुलाऊँगा, और वह मेरे समीप आ भी जाएगा, क्योंकि कौन है जो अपने आप मेरे समीप आ सकता है? यहोवा की यही वाणी है।
तब फिर व्यवस्था क्यों दी गई? वह तो अपराधों के कारण बाद में दी गई कि उस वंश के आने तक रहे, जिस को प्रतिज्ञा दी गई थी; और वह स्वर्गदूतों के द्वारा एक मध्यस्थ के हाथ ठहराई गई।
इसलिये तू समीप जा, और जो कुछ हमारा परमेश्वर यहोवा कहे उसे सुन ले; फिर जो कुछ हमारा परमेश्वर यहोवा कहे उसे हम से कहना; और हम उसे सुनेंगे और उसे मानेंगे।’
क्योंकि मसीह ने उस हाथ के बनाए हुए पवित्रस्थान में, जो सच्चे पवित्रस्थान का नमूना है, प्रवेश नहीं किया पर स्वर्ग ही में प्रवेश किया, ताकि हमारे लिये अब परमेश्वर के सामने दिखाई दे।