तीसरे दिन यूसुफ ने उनसे कहा, “एक काम करो तब जीवित रहोगे; क्योंकि मैं परमेश्वर का भय मानता हूँ;
लैव्यव्यवस्था 25:43 - पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) उस पर कठोरता से अधिकार न करना; अपने परमेश्वर का भय मानते रहना। पवित्र बाइबल तुम्हें ऐसे व्यक्ति पर क्रूरता से शासन नहीं करना चाहिए। तुम्हें अपने परमेश्वर का सम्मान करना चाहिए। Hindi Holy Bible उस पर कठोरता से अधिकार न करना; अपने परमेश्वर का भय मानते रहना। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) उन पर कठोरता से शासन मत करना; वरन् अपने परमेश्वर से डरना। नवीन हिंदी बाइबल तुम उसके साथ कठोरता से व्यवहार न करना, और अपने परमेश्वर का भय मानना। सरल हिन्दी बाइबल तुम उस पर कठोरता पूर्वक शासन न करना, बल्कि अपने परमेश्वर के प्रति श्रद्धा बनाए रखना. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 उस पर कठोरता से अधिकार न करना; अपने परमेश्वर का भय मानते रहना। |
तीसरे दिन यूसुफ ने उनसे कहा, “एक काम करो तब जीवित रहोगे; क्योंकि मैं परमेश्वर का भय मानता हूँ;
अब तुम ने ठान लिया है कि यहूदियों और यरूशलेमियों को अपने दास–दासी बनाकर दबाए रखो। क्या तुम भी अपने परमेश्वर यहोवा के यहाँ दोषी नहीं हो?
परन्तु वे धाइयाँ परमेश्वर का भय मानती थीं, इसलिये मिस्र के राजा की आज्ञा न मानकर लड़कों को भी जीवित छोड़ देती थीं।
बहुत दिनों के बीतने पर मिस्र का राजा मर गया। इस्राएली कठिन सेवा के कारण लम्बी लम्बी साँस लेकर आहें भरने लगे, और पुकार उठे, और उनकी दोहाई जो कठिन सेवा के कारण हुई वह परमेश्वर तक पहुँची।
फिर यहोवा ने कहा, “मैं ने अपनी प्रजा के लोग जो मिस्र में हैं, उनके दु:ख को निश्चय देखा है; और उनकी जो चिल्लाहट परिश्रम करानेवालों के कारण होती है उसको भी मैं ने सुना है, और उनकी पीड़ा पर मैं ने चित्त लगाया है;
इसलिये अब सुन, इस्राएलियों की चिल्लाहट मुझे सुनाई पड़ी है, और मिस्रियों का उन पर अन्धेर करना भी मुझे दिखाई पड़ा है।
और इस्राएलियों में से जिन सरदारों को फ़िरौन के परिश्रम करानेवालों ने उनका अधिकारी ठहराया था, उन्होंने मार खाई और उनसे पूछा गया, “क्या कारण है कि तुम ने अपनी ठहराई हुई ईंटों की गिनती के अनुसार पहले के समान कल और आज पूरी नहीं कराई?”
मैं ने अपनी प्रजा से क्रोधित होकर अपने निज भाग को अपवित्र ठहराया और तेरे वश में कर दिया; तू ने उन पर कुछ दया न की; बूढ़ों पर तू ने अपना अत्यन्त भारी जूआ रख दिया।
वे कहते हैं, ‘क्या कारण है कि हम ने तो उपवास रखा, परन्तु तू ने इसकी सुधि नहीं ली? हमने दु:ख उठाया, परन्तु तू ने कुछ ध्यान नहीं दिया?’ सुनो, उपवास के दिन तुम अपनी ही इच्छा पूरी करते हो और अपने सेवकों से कठिन कामों को कराते हो।
तुम ने बीमारों को बलवान न किया, न रोगियों को चंगा किया, न घायलों के घावों को बाँधा, न निकाली हुई को लौटा लाए, न खोई हुई को खोजा, परन्तु तुम ने बल और जबरदस्ती से अधिकार चलाया है।
तुम अपने अपने भाईबन्धु पर अन्धेर न करना; अपने परमेश्वर का भय मानना; मैं तुम्हारा परमेश्वर यहोवा हूँ।
क्योंकि वे मेरे ही दास हैं, जिनको मैं मिस्र देश से निकाल लाया हूँ; इसलिये वे दास की रीति से न बेचे जाएँ।
तेरे जो दास–दासियाँ हों वे तुम्हारे चारों ओर की जातियों में से हों, और दास और दासियाँ उन्हीं में से मोल लेना।
तुम अपने पुत्रों को भी जो तुम्हारे बाद होंगे उनके अधिकारी कर सकोगे, और वे उनका भाग ठहरें; उनमें से तुम सदा अपने लिये दास लिया करना, परन्तु तुम्हारे भाईबन्धु जो इस्राएली हों उन पर अपना अधिकार कठोरता से न जताना।
वह अपने स्वामी के संग उस मज़दूर के समान रहे जिसकी वार्षिक मज़दूरी ठहराई जाती हो; और उसका स्वामी उस पर तेरे सामने कठोरता से अधिकार न जताने पाए।
“तब मैं न्याय करने को तुम्हारे निकट आऊँगा; और टोन्हों, और व्यभिचारियों, और झूठी किरिया खानेवालों के विरुद्ध, और जो मज़दूर की मज़दूरी को दबाते, और विधवा और अनाथों पर अन्धेर करते, और परदेशी का न्याय बिगाड़ते, और मेरा भय नहीं मानते, उन सभों के विरुद्ध मैं तुरन्त साक्षी दूँगा, सेनाओं के यहोवा का यही वचन है।
हे स्वामियो, तुम भी धमकियाँ देना छोड़कर उनके साथ वैसा ही व्यवहार करो; क्योंकि तुम जानते हो कि उन का और तुम्हारा दोनों का स्वामी स्वर्ग में है, और वह किसी का पक्ष नहीं करता।
अर्थात् उनको परमेश्वर का भय न था; इस कारण उसने जब तू मार्ग में थका–माँदा था, तब तुझ पर चढ़ाई करके जितने निर्बल होने के कारण सबसे पीछे थे उन सभों को मारा।
हे स्वामियो, अपने अपने दासों के साथ न्याय और ठीक ठीक व्यवहार करो, यह समझकर कि स्वर्ग में तुम्हारा भी एक स्वामी है।