रोमियों 14:14 - पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) मैं जानता हूँ और प्रभु यीशु में मुझे निश्चय हुआ है कि कोई वस्तु अपने आप से अशुद्ध नहीं, परन्तु जो उसको अशुद्ध समझता है उसके लिये अशुद्ध है। पवित्र बाइबल प्रभु यीशु में आस्थावान होने के कारण मैं मानता हूँ कि अपने आप में कोई भोजन अपवित्र नहीं है। वह केवल उसके लिए अपवित्र हैं, जो उसे अपवित्र मानता हैं, उसके लिए उसका खाना अनुचित है। Hindi Holy Bible मैं जानता हूं, और प्रभु यीशु से मुझे निश्चय हुआ है, कि कोई वस्तु अपने आप से अशुद्ध नहीं, परन्तु जो उस को अशुद्ध समझता है, उसके लिये अशुद्ध है। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) मैं जानता हूँ और प्रभु येशु का शिष्य होने के नाते मेरा विश्वास है कि कोई भी वस्तु अपने में अशुद्ध नहीं है; किन्तु यदि कोई यह समझता है कि अमुक वस्तु अशुद्ध है, तो वह उसके लिए अशुद्ध हो जाती है। नवीन हिंदी बाइबल मैं जानता हूँ और प्रभु यीशु में मुझे निश्चय हुआ है कि कुछ भी अपने आपमें अशुद्ध नहीं है; परंतु जो उसे अशुद्ध समझता है, उसके लिए वह अशुद्ध है। सरल हिन्दी बाइबल मुझे यह मालूम है तथा प्रभु येशु मसीह में मैं पूरी तरह से निश्चित हूं कि अपने आप में कुछ भी अशुद्ध नहीं है. यदि किसी व्यक्ति ने किसी वस्तु को अशुद्ध मान ही लिया है, वह उसके लिए ही अशुद्ध है. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 मैं जानता हूँ, और प्रभु यीशु से मुझे निश्चय हुआ है, कि कोई वस्तु अपने आप से अशुद्ध नहीं, परन्तु जो उसको अशुद्ध समझता है, उसके लिये अशुद्ध है। |
उनसे कहा, “तुम जानते हो कि अन्यजाति की संगति करना या उसके यहाँ जाना यहूदी के लिये अधर्म है, परन्तु परमेश्वर ने मुझे बताया है कि किसी मनुष्य को अपवित्र या अशुद्ध न कहूँ।
एक को विश्वास है कि सब कुछ खाना उचित है, परन्तु जो विश्वास में निर्बल है वह साग पात ही खाता है।
भोजन के लिये परमेश्वर का काम न बिगाड़। सब कुछ शुद्ध तो है, परन्तु उस मनुष्य के लिये बुरा है जिसको उसके भोजन से ठोकर लगती है।
परन्तु जो सन्देह कर के खाता है वह दण्ड के योग्य ठहर चुका, क्योंकि वह विश्वास से नहीं खाता; और जो कुछ विश्वास* से नहीं, वह पाप है।
क्योंकि यदि कोई तुझ ज्ञानी को मूर्ति के मन्दिर में भोजन करते देखे और वह निर्बल जन हो, तो क्या उसके विवेक को मूर्ति के सामने बलि की हुई वस्तु खाने का साहस न हो जाएगा।
पर सब को यह ज्ञान नहीं, परन्तु कुछ तो अब तक मूर्ति को कुछ समझने के कारण मूर्तियों के सामने बलि की हुई वस्तु को कुछ समझकर खाते हैं, और उनका विवेक निर्बल होने के कारण अशुद्ध हो जाता है।
क्योंकि परमेश्वर की सृजी हुई हर एक वस्तु अच्छी है, और कोई वस्तु अस्वीकार करने के योग्य नहीं; पर यह कि धन्यवाद के साथ खाई जाए,
शुद्ध लोगों के लिये सब वस्तुएँ शुद्ध हैं, पर अशुद्ध और अविश्वासियों के लिये कुछ भी शुद्ध नहीं, वरन् उनकी बुद्धि और विवेक दोनों अशुद्ध हैं।