और अहाब ने ओबद्याह से कहा, “देश में जल के सब सोतों और सब नदियों के पास जा, कदाचित इतनी घास मिले कि हम घोड़ों और खच्चरों को जीवित बचा सकें, और हमारे सब पशु न मर जाएँ।”
योएल 1:18 - पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) पशु कैसे कराहते हैं? झुण्ड के झुण्ड गाय–बैल विकल हैं, क्योंकि उनके लिये चराई नहीं रही; और झुण्ड के झुण्ड भेड़–बकरियाँ पाप का फल भोग रही हैं। पवित्र बाइबल हमारे पशु भूख से कराह रहे हैं। हमारे मवेशी खोये—खोये से इधर—उधर घूमते हैं। उनके पास खाने को घास नहीं हैं। भेड़ें मर रही हैं। Hindi Holy Bible पशु कैसे कराहते हैं? झुण्ड के झुण्ड गाय-बैल विकल हैं, क्योंकि उनके लिये चराई नहीं रही; और झुण्ड के झुण्ड भेड़-बकरियां पाप का फल भोग रही हैं॥ पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) पशु कैसे कराह रहे हैं, रेवड़ के पशु विकल हैं, क्योंकि उनके लिए चरागाह नहीं हैं। भेड़-बकरियाँ भी विपत्ति का शिकार हो गईं। सरल हिन्दी बाइबल पशु कैसे कराह रहे हैं! पशुओं के झुंड के झुंड विचलित हो भटक रहे हैं क्योंकि उनके लिए चरागाह नहीं है; यहां तक कि भेड़ों के झुंड भी कष्ट में हैं. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 पशु कैसे कराहते हैं? झुण्ड के झुण्ड गाय-बैल विकल हैं, क्योंकि उनके लिये चराई नहीं रही; और झुण्ड के झुण्ड भेड़-बकरियाँ पाप का फल भोग रही हैं। |
और अहाब ने ओबद्याह से कहा, “देश में जल के सब सोतों और सब नदियों के पास जा, कदाचित इतनी घास मिले कि हम घोड़ों और खच्चरों को जीवित बचा सकें, और हमारे सब पशु न मर जाएँ।”
और राजा सुलैमान और समस्त इस्राएली मंडली, जो उसके पास इकट्ठी हुई थी, वे सब सन्दूक के सामने इतने भेड़ और बैल बलि कर रहे थे, जिनकी गिनती किसी रीति से नहीं हो सकती थी।
कब तक देश विलाप करता रहेगा, और सारे मैदान की घास सूखी रहेगी? देश के निवासियों की बुराई के कारण पशु–पक्षी सब नष्ट हो गए हैं, क्योंकि उन लोगों ने कहा, “वह हमारे अन्त को न देखेगा।”
इस कारण यह देश विलाप करेगा, और मैदान के जीव–जन्तुओं, और आकाश के पक्षियों समेत उसके सब निवासी कुम्हला जाएँगे; और समुद्र की मछलियाँ भी नष्ट हो जाएँगी।
वन–पशु भी तेरे लिये हाँफते हैं, क्योंकि जल के सोते सूख गए, और जंगल की चराइयाँ आग का कौर हो गईं।
“यहोवा सिय्योन से गरजेगा, और यरूशलेम से अपना शब्द सुनाएगा; तब चरवाहों की चराइयाँ विलाप करेंगी, और कर्म्मेल की चोटी झुलस जाएगी।”
क्योंकि चाहे अंजीर के वृक्षों में फूल न लगें, और न दाखलताओं में फल लगें, जलपाई के वृक्ष से केवल धोखा पाया जाए और खेतों में अन्न न उपजे, भेड़शालाओं में भेड़–बकरियाँ न रहें, और न थानों में गाय बैल हों,