ऑनलाइन बाइबिल

विज्ञापनों


संपूर्ण बाइबिल पुराना वसीयतनामा नया करार




यूहन्ना 6:63 - पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

आत्मा तो जीवनदायक है, शरीर से कुछ लाभ नहीं; जो बातें मैं ने तुम से कही हैं वे आत्मा हैं, और जीवन भी हैं।

अध्याय देखें

पवित्र बाइबल

आत्मा ही है जो जीवन देता है, देह का कोई उपयोग नहीं है। वचन, जो मैंने तुमसे कहे हैं, आत्मा है और वे ही जीवन देते हैं।

अध्याय देखें

Hindi Holy Bible

आत्मा तो जीवनदायक है, शरीर से कुछ लाभ नहीं: जो बातें मैं ने तुम से कहीं हैं वे आत्मा है, और जीवन भी हैं।

अध्याय देखें

पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

आत्‍मा ही जीवन प्रदान करता है, शरीर से कुछ लाभ नहीं होता। मैंने तुम से जो वचन कहे हैं, वे आत्‍मा और जीवन हैं।

अध्याय देखें

नवीन हिंदी बाइबल

आत्मा ही है जो जीवन देता है, शरीर से कुछ लाभ नहीं। मैंने तुमसे जो वचन कहे हैं, वे आत्मा हैं और जीवन भी।

अध्याय देखें

सरल हिन्दी बाइबल

आत्मा ही हैं, जो शरीर को जीवन देती है. केवल शरीर का कुछ महत्व नहीं. जो वचन मैंने तुमसे कहे हैं, वे आत्मा हैं और जीवन भी.

अध्याय देखें

इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

आत्मा तो जीवनदायक है, शरीर से कुछ लाभ नहीं। जो बातें मैंने तुम से कहीं हैं वे आत्मा हैं, और जीवन भी हैं।

अध्याय देखें



यूहन्ना 6:63
31 क्रॉस रेफरेंस  

तब यहोवा परमेश्‍वर ने आदम* को भूमि की मिट्टी से रचा, और उसके नथनों में जीवन का श्‍वास फूँक दिया; और आदम जीवित प्राणी बन गया।


तेरी बातों के खुलने से प्रकाश होता है; उससे भोले लोग समझ प्राप्‍त करते हैं।


मेरे दु:ख में मुझे शान्ति उसी से हुई है, क्योंकि तेरे वचन के द्वारा मैं ने जीवन पाया है।


मैं तेरे उपदेशों को कभी न भूलूँगा; क्योंकि उन्हीं के द्वारा तू ने मुझे जिलाया है।


शिक्षा को पकड़े रह, उसे छोड़ न दे; उसकी रक्षा कर, क्योंकि वही तेरा जीवन है।


जैसा पिता मरे हुओं को उठाता और जिलाता है, वैसा ही पुत्र भी जिन्हें चाहता है उन्हें जिलाता है।


शमौन पतरस ने उसको उत्तर दिया, “हे प्रभु, हम किसके पास जाएँ? अनन्त जीवन की बातें तो तेरे ही पास हैं;


“जाओ, मन्दिर में खड़े होकर इस जीवन की सब बातें लोगों को सुनाओ।”


अत: विश्‍वास सुनने से और सुनना मसीह के वचन से होता है।


यदि तू व्यवस्था पर चले तो खतने से लाभ तो है, परन्तु यदि तू व्यवस्था को न माने तो तेरा खतना बिन खतना की दशा ठहरा।


क्योंकि जीवन की आत्मा की व्यवस्था ने मसीह यीशु में मुझे पाप की और मृत्यु की व्यवस्था से स्वतंत्र कर दिया।


ऐसा ही लिखा भी है, कि “प्रथम मनुष्य, अर्थात् आदम जीवित प्राणी बना” और अन्तिम आदम, जीवनदायक आत्मा बना।


यदि हम आत्मा के द्वारा जीवित हैं, तो आत्मा के अनुसार चलें भी।


मसीह यीशु में न खतना और न खतनारहित कुछ काम का है, परन्तु केवल विश्‍वास, जो प्रेम के द्वारा प्रभाव डालता है।


क्योंकि न खतना और न खतनारहित कुछ है, परन्तु नई सृष्‍टि।


क्योंकि यह तुम्हारे लिये व्यर्थ काम नहीं, परन्तु तुम्हारा जीवन ही है, और ऐसा करने से उस देश में तुम्हारी आयु के दिन बहुत होंगे, जिसके अधिकारी होने को तुम यरदन पार जा रहे हो।”


इसलिये हम भी परमेश्‍वर का धन्यवाद निरन्तर करते हैं कि जब हमारे द्वारा परमेश्‍वर के सुसमाचार का वचन तुम्हारे पास पहुँचा, तो तुम ने उसे मनुष्यों का नहीं परन्तु परमेश्‍वर का वचन समझकर (और सचमुच यह ऐसा ही है) ग्रहण किया; और वह तुम विश्‍वासियों में जो विश्‍वास रखते हो, प्रभावशील है।


क्योंकि देह की साधना से कम लाभ होता है, पर भक्‍ति सब बातों के लिये लाभदायक है, क्योंकि इस समय के और आनेवाले जीवन की भी प्रतिज्ञा इसी के लिये है।


नाना प्रकार के विचित्र उपदेशों से न भरमाए जाओ, क्योंकि मन का अनुग्रह से दृढ़ रहना भला है, न कि उन खाने की वस्तुओं से जिन से काम रखनेवालों को कुछ लाभ न हुआ।


क्योंकि परमेश्‍वर का वचन जीवित, और प्रबल, और हर एक दोधारी तलवार से भी बहुत चोखा है; और प्राण और आत्मा को, और गाँठ–गाँठ और गूदे–गूदे को अलग करके आर–पार छेदता है और मन की भावनाओं और विचारों को जाँचता है।


उसने अपनी ही इच्छा से हमें सत्य के वचन के द्वारा उत्पन्न किया, ताकि हम उसकी सृष्‍टि की हुई वस्तुओं में से एक प्रकार के प्रथम फल हों।


क्योंकि तुम ने नाशवान् नहीं पर अविनाशी बीज से, परमेश्‍वर के जीवते और सदा ठहरनेवाले वचन के द्वारा नया जन्म पाया है।


इसलिये कि मसीह ने भी, अर्थात् अधर्मियों के लिये धर्मी ने, पापों के कारण एक बार दु:ख उठाया, ताकि हमें परमेश्‍वर के पास पहुँचाए; वह शरीर के भाव से तो घात किया गया, पर आत्मा के भाव से जिलाया गया।


उसी पानी का दृष्‍टान्त भी, अर्थात् बपतिस्मा, यीशु मसीह के जी उठने के द्वारा, अब तुम्हें बचाता है; इससे शरीर के मैल को दूर करने का अर्थ नहीं है, परन्तु शुद्ध विवेक से परमेश्‍वर के वश में हो जाने का अर्थ है।