धर्मी का प्रतिफल जीवन का वृक्ष होता है, और बुद्धिमान मनुष्य लोगों के मन को मोह लेता है।
यूहन्ना 15:5 - पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) मैं दाखलता हूँ : तुम डालियाँ हो। जो मुझ में बना रहता है और मैं उसमें, वह बहुत फल फलता है, क्योंकि मुझ से अलग होकर तुम कुछ भी नहीं कर सकते। पवित्र बाइबल “वह दाखलता मैं हूँ और तुम उसकी शाखाएँ हो। जो मुझमें रहता है, और मैं जिसमें रहता हूँ वह बहुत फलता है क्योंकि मेरे बिना तुम कुछ भी नहीं कर सकते। Hindi Holy Bible मैं दाखलता हूं: तुम डालियां हो; जो मुझ में बना रहता है, और मैं उस में, वह बहुत फल फलता है, क्योंकि मुझ से अलग होकर तुम कुछ भी नहीं कर सकते। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) “मैं दाखलता हूँ और तुम डालियाँ हो। जो मुझ में रहता है और मैं उस में, वह बहुत फलता है; क्योंकि मुझ से अलग रह कर तुम कुछ भी नहीं रह सकते। नवीन हिंदी बाइबल मैं दाखलता हूँ, तुम डालियाँ हो। जो मुझमें बना रहता है और मैं उसमें, वह बहुत फल लाता है, क्योंकि मुझसे अलग होकर तुम कुछ भी नहीं कर सकते। सरल हिन्दी बाइबल “दाखलता मैं ही हूं, तुम डालियां हो. वह, जो मुझमें स्थिर बना रहता है और मैं उसमें, बहुत फल देता है; मुझसे अलग होकर तुम कुछ भी नहीं कर सकते. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 मैं दाखलता हूँ: तुम डालियाँ हो; जो मुझ में बना रहता है, और मैं उसमें, वह बहुत फल फलता है, क्योंकि मुझसे अलग होकर तुम कुछ भी नहीं कर सकते। |
धर्मी का प्रतिफल जीवन का वृक्ष होता है, और बुद्धिमान मनुष्य लोगों के मन को मोह लेता है।
पर अपने में जड़ न रखने के कारण वह थोड़े ही दिन का है, और जब वचन के कारण क्लेश या उपद्रव होता है, तो तुरन्त ठोकर खाता है।
मैं तुम से सच सच कहता हूँ कि जब तक गेहूँ का दाना भूमि में पड़कर मर नहीं जाता, वह अकेला रहता है; परन्तु जब मर जाता है, तो बहुत फल लाता है।
तुम ने मुझे नहीं चुना परन्तु मैं ने तुम्हें चुना है और तुम्हें नियुक्त किया कि तुम जाकर फल लाओ और तुम्हारा फल बना रहे, कि तुम मेरे नाम से जो कुछ पिता से माँगो, वह तुम्हें दे।
इस पर यीशु ने उनसे कहा, “मैं तुम से सच सच कहता हूँ, पुत्र आप से कुछ नहीं कर सकता, केवल वह जो पिता को करते देखता है; क्योंकि जिन जिन कामों को वह करता है उन्हें पुत्र भी उसी रीति से करता है।
किसी दूसरे के द्वारा उद्धार नहीं; क्योंकि स्वर्ग के नीचे मनुष्यों में और कोई दूसरा नाम नहीं दिया गया, जिसके द्वारा हम उद्धार पा सकें।”
परन्तु अब पाप से स्वतंत्र होकर और परमेश्वर के दास बनकर तुम को फल मिला जिससे पवित्रता प्राप्त होती है, और उसका अन्त अनन्त जीवन है।
वैसे ही हे मेरे भाइयो, तुम भी मसीह की देह के द्वारा व्यवस्था के लिये मरे हुए बन गए, कि उस दूसरे के हो जाओ, जो मरे हुओं में से जी उठा : ताकि हम परमेश्वर के लिये फल लाएँ।
वह धन्यवाद का कटोरा, जिस पर हम धन्यवाद करते हैं; क्या मसीह के लहू की सहभागिता नहीं? वह रोटी जिसे हम तोड़ते हैं, क्या वह मसीह की देह की सहभागिता नहीं?
क्योकि जिस प्रकार देह तो एक है और उसके अंग बहुत से हैं, और उस एक देह के सब अंग बहुत होने पर भी सब मिलकर एक ही देह हैं, उसी प्रकार मसीह भी है।
अत: जो बोनेवाले को बीज और भोजन के लिये रोटी देता है, वह तुम्हें बीज देगा, और उसे फलवन्त करेगा; और तुम्हारे धर्म के फलों को बढ़ाएगा।
और उस धार्मिकता के फल से जो यीशु मसीह के द्वारा होते हैं, भरपूर होते जाओ जिससे परमेश्वर की महिमा और स्तुति होती रहे।
यह नहीं कि मैं दान चाहता हूँ परन्तु मैं ऐसा फल चाहता हूँ जो तुम्हारे लाभ के लिये बढ़ता जाए।
ताकि तुम्हारा चाल–चलन प्रभु के योग्य हो, और वह सब प्रकार से प्रसन्न हो, और तुम में हर प्रकार के भले कामों का फल लगे, और तुम परमेश्वर की पहिचान में बढ़ते जाओ,
जो तुम्हारे पास पहुँचा है, और जैसा जगत में भी फल लाता और बढ़ता जाता है, वैसे ही जिस दिन से तुम ने उसको सुना और सच्चाई से परमेश्वर का अनुग्रह पहिचाना है, तुम में भी ऐसा ही करता है।
क्योंकि हर एक अच्छा वरदान और हर एक उत्तम दान ऊपर ही से है, और ज्योतियों के पिता की ओर से मिलता है, जिसमें न तो कोई परिवर्तन हो सकता है, और न अदल बदल के कारण उस पर छाया पड़ती है।
उसके पास आकर, जिसे मनुष्यों ने तो निकम्मा ठहराया परन्तु परमेश्वर के निकट चुना हुआ और बहुमूल्य जीवता पत्थर है,
पर हमारे प्रभु और उद्धारकर्ता यीशु मसीह के अनुग्रह और पहचान में बढ़ते जाओ। उसी की महिमा अब भी हो, और युगानुयुग होती रहे। आमीन।