फिर वे लड़के बढ़ने लगे, और एसाव तो वनवासी होकर चतुर शिकार खेलनेवाला हो गया, पर याक़ूब सीधा मनुष्य था और तम्बुओं में रहा करता था।
यिर्मयाह 35:7 - पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) न घर बनाना, न बीज बोना, न दाख की बारी लगाना, और न उनके अधिकारी होना; परन्तु जीवन भर तम्बुओं ही में रहना जिस देश में तुम परदेशी हो, उस में बहुत दिन तक जीते रहो।’ पवित्र बाइबल तुम्हें कभी घर बनाना, पौधे रोपना और अंगूर की बेल नहीं लगानी चाहिये। तुम्हें उनमे से कुछ भी नहीं करना चाहिये। तुम्हें केवल तम्बुओं में रहना चाहिये। यदि तुम ऐसा करोगे तो उस प्रदेश में अधिक समय तक रहोगे जहाँ तुम एक स्थान से दूसरे स्थान पर घूमते रहते हो।’ Hindi Holy Bible न घर बनाना, न बीज बोना, न दाख की बारी लगाना, और न उनके अधिकारी होना; परन्तु जीवन भर तम्बुओं ही में रहना जिस से जिस देश में तुम परदेशी हो, उस में बहुत दिन तक जीते रहो। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) न तो तुम स्थायी रूप से रहने के लिए घर बनाना, और न खेती करने के लिए बोना। तुम अंगूर-उद्यान मत लगाना, और न उनके स्वामी बनने के लिए उनको खरीदना। तुम हमेशा तम्बुओं में रहना ताकि तुम इस देश में, जहां तुम प्रवासी हो, बहुत समय तक रह सको।” सरल हिन्दी बाइबल न तो तुम अपने लिए आवास का निर्माण करोगे, न तुम बीजारोपण करोगे; न तुम द्राक्षाउद्यान रोपित करोगे और न कभी किसी द्राक्षाउद्यान का स्वामित्व प्राप्त करोगे, बल्कि तुम आजीवन तंबुओं में निवास करोगे, कि जिस देश में तुम प्रवास करो, उसमें तुम दीर्घायु हो.’ इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 न घर बनाना, न बीज बोना, न दाख की बारी लगाना, और न उनके अधिकारी होना; परन्तु जीवन भर तम्बुओं ही में रहना जिससे जिस देश में तुम परदेशी हो, उसमें बहुत दिन तक जीते रहो।’ |
फिर वे लड़के बढ़ने लगे, और एसाव तो वनवासी होकर चतुर शिकार खेलनेवाला हो गया, पर याक़ूब सीधा मनुष्य था और तम्बुओं में रहा करता था।
क्योंकि उनकी सम्पत्ति इतनी हो गई थी कि वे इकट्ठे न रह सके; और पशुओं की बहुतायत के कारण उस देश में, जहाँ वे परदेशी होकर रहते थे, वे समा न सके।
“तू अपने पिता और अपनी माता का आदर करना, जिससे जो देश तेरा परमेश्वर यहोवा तुझे देता है उसमें तू बहुत दिन तक रहने पाए।
हम तम्बुओं ही में रहा करते हैं, और अपने पुरखा योनादाब की बात मानकर उसकी सारी आज्ञाओं के अनुसार काम करते हैं।
हे प्रियो, मैं तुम से विनती करता हूँ कि तुम अपने आप को परदेशी और यात्री जानकर उन सांसारिक अभिलाषाओं से जो आत्मा से युद्ध करती हैं, बचे रहो।