फ़िरौन ने उससे कहा, “क्यों? मेरे यहाँ तुझे क्या घटी हुई कि तू अपने देश को चला जाना चाहता है?” उसने उत्तर दिया, “कुछ नहीं हुई, तौभी मुझे अवश्य जाने दे।”
यिर्मयाह 2:31 - पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) हे लोगो, यहोवा के वचन पर ध्यान दो! क्या मैं इस्राएल के लिये जंगल या घोर अन्धकार का देश बना? तब मेरी प्रजा क्यों कहती है, ‘हम तो आजाद हो गए हैं इसलिये तेरे पास फिर न आएँगे?’ पवित्र बाइबल इस पीढ़ी के लोगों, यहोवा के सन्देश पर ध्यान दो: “क्या मैं इस्राएल के लोगों के लिये मरुभूमि सा बन गया? क्या मैं उनके लिये अंधेरे और भयावने देश सा बन गया? मेरे लोग कहते है, ‘हम अपनी राह जाने को स्वतन्त्र हैं, यहोवा, हम फिर तेरे पास नहीं लौटेंगे!’ वे उन बातों को क्यों कहते हैं? Hindi Holy Bible हे लोगो, यहोवा के वचन पर ध्यान दो! क्या मैं इस्राएल के लिये जंगल वा घोर अन्धकार का देश बना? तब मेरी प्रजा क्यों कहती है कि हम तो आजाद हो गए हैं सो तेरे पास फिर न आएंगे? पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) ओ लोगो, मुझ-प्रभु के वचन पर ध्यान दो। क्या मैं इस्राएली कौम के लिए निर्जन प्रदेश के सदृश अथवा घोर अन्धकारमय क्षेत्र के सदृश भटकाने वाला था? तब मेरे निज लोग यह क्यों कहते हैं, “हम स्वतन्त्र हैं, हम तेरे पास नहीं आएंगे” ? सरल हिन्दी बाइबल “इस पीढ़ी के लोगो, याहवेह के वचन पर ध्यान दो: “क्या इस्राएल के लिए मैं निर्जन प्रदेश सदृश रहा हूं अथवा गहन अंधकार के क्षेत्र सदृश? क्या कारण है कि मेरी प्रजा यह कहती है, ‘हम ध्यान करने के लिए स्वतंत्र हैं; क्या आवश्यकता है कि हम आपकी शरण में आएं’? इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 हे लोगों, यहोवा के वचन पर ध्यान दो! क्या मैं इस्राएल के लिये जंगल या घोर अंधकार का देश बना? तब मेरी प्रजा क्यों कहती है कि ‘हम तो आजाद हो गए हैं इसलिए तेरे पास फिर न आएँगे?’ |
फ़िरौन ने उससे कहा, “क्यों? मेरे यहाँ तुझे क्या घटी हुई कि तू अपने देश को चला जाना चाहता है?” उसने उत्तर दिया, “कुछ नहीं हुई, तौभी मुझे अवश्य जाने दे।”
अजर्याह महायाजक ने जो सादोक के घराने का था, उससे कहा, “जब से लोग यहोवा के भवन में उठाई हुई भेंटें लाने लगे हैं, तब से हम लोग पेट भर खाने को पाते हैं, वरन् बहुत बचा भी करता है; क्योंकि यहोवा ने अपनी प्रजा को आशीष दी है, और जो शेष रह गया है, उसी का यह बड़ा ढेर है।”
दुष्ट अपने अभिमान के कारण कहता है कि वह लेखा नहीं लेने का; उसका पूरा विचार यही है कि कोई परमेश्वर है ही नहीं।
वे कहते हैं, “हम अपनी जीभ ही से जीतेंगे, हमारे ओंठ हमारे ही वश में हैं; हमारा प्रभु कौन है?”
ऐसा न हो कि जब मेरा पेट भर जाए, तब मैं इन्कार करके कहूँ कि यहोवा कौन है? या अपना भाग खोकर चोरी करूँ, और अपने परमेश्वर का नाम अनुचित रीति से लूँ।
मैं ने न किसी गुप्त स्थान में, न अन्धकार देश के किसी स्थान में बातें कीं; मैं ने याकूब के वंश से नहीं कहा, ‘मुझे व्यर्थ में ढूँढ़ो।’ मैं यहोवा सत्य ही कहता हूँ, मैं उचित बातें ही बताता आया हूँ।
“क्योंकि बहुत समय पहले मैं ने तेरा जूआ तोड़ डाला और तेरे बन्धन खोल दिए; परन्तु तू ने कहा, ‘मैं सेवा न करूँगी।’ और सब ऊँचे–ऊँचे टीलों पर और सब हरे पेड़ों के नीचे तू व्यभिचारिण का सा काम करती रही।
अपने पाँव नंगे और गला सुखाए न रह। परन्तु तू ने कहा, ‘नहीं, ऐसा नहीं हो सकता, क्योंकि मेरा प्रेम दूसरों से हो गया है और मैं उनके पीछे चलती रहूँगी।’
इसलिये मैं बड़े लोगों के पास जाकर उनको सुनाऊँगा; क्योंकि वे तो यहोवा का मार्ग और अपने परमेश्वर का नियम जानते हैं।” परन्तु उन सभों ने मिलकर जूए को तोड़ दिया है और बन्धनों को खोल डाला है।
इस कारण वन में से एक सिंह आकर उन्हें मार डालेगा, निर्जल देश का एक भेड़िया उनका नाश करेगा। एक चीता उनके नगरों के पास घात लगाए रहेगा, और जो कोई उनमें से निकले वह फाड़ा जाएगा; क्योंकि उनके अपराध बहुत बढ़ गए हैं और वे मुझ से बहुत ही दूर हट गए हैं।
जिस से इस्राएल का घराना, जो अपनी मूरतों के द्वारा मुझे त्यागकर दूर हो गया है, उन्हें मैं उन्हीं के मन के द्वारा फँसाऊँगा।
परन्तु जब इस्राएली चराए जाते थे और वे तृप्त हो गए, तब तृप्त होने पर उनका मन घमण्ड से भर गया; इस कारण वे मुझ को भूल गए।
तकोआवासी आमोस जो भेड़–बकरियों के चरानेवालों में से था, उसके ये वचन हैं जो उस ने यहूदा के राजा उजिय्याह के, और योआश के पुत्र इस्राएल के राजा यारोबाम के दिनों में, भूकम्प से दो वर्ष पहले, इस्राएल के विषय में दर्शन देखकर कहे :
यहोवा इस नगर को पुकार रहा है, और सम्पूर्ण ज्ञान तेरे नाम का भय मानना है : राज–दण्ड की, और जो उसे देनेवाला है उसकी बात सुनो!
तुम तो तृप्त हो चुके, तुम धनी हो चुके, तुम ने हमारे बिना राज्य किया; परन्तु भला होता कि तुम राज्य करते कि हम भी तुम्हारे साथ राज्य करते।
जब मैं इनको उस देश में पहुँचाऊँगा जिसे देने की मैं ने इनके पूर्वजों से शपथ खाई थी, और जिसमें दूध और मधु की धाराएँ बहती हैं, और खाते–खाते इनका पेट भर जाए, और ये हृष्ट–पुष्ट हो जाएँगे; तब ये पराये देवताओं की ओर फिरकर उनकी उपासना करने लगेंगे, और मेरा तिरस्कार करके मेरी वाचा को तोड़ देंगे।
“परन्तु यशूरून मोटा होकर लात मारने लगा; तू मोटा और हृष्ट–पुष्ट हो गया, और चर्बी से छा गया है; तब उसने अपने सृजनहार ईश्वर को तज दिया, और अपने उद्धारमूल चट्टान को तुच्छ जाना।
जिस चट्टान से तू उत्पन्न हुआ उसको तू भूल गया, और ईश्वर जिससे तेरी उत्पत्ति हुई उसको भी तू भूल गया है।