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यशायाह 6:2 - पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

उससे ऊँचे पर साराप दिखाई दिए; उनके छ: छ: पंख थे; दो पंखों से वे अपने मुँह को ढाँपे थे और दो से अपने पाँवों को, और दो से उड़ रहे थे।

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पवित्र बाइबल

यहोवा के चारों ओर साराप स्वर्गदूत खड़े थे। हर साराप (स्वर्गदूत) के छः छः पंख थे। इनमें से दो पंखों का प्रयोग वे अपने मुखों को ढकने के लिए किया करते थे तथा दो पंखों का प्रयोग अपने पैरों को ढकने के लिये करते थे और दो पंखों को वे उड़ने के काम में लाते थे।

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Hindi Holy Bible

उस से ऊंचे पर साराप दिखाई दिए; उनके छ: छ: पंख थे; दो पंखों से वे अपने मुंह को ढांपे थे और दो से अपने पांवों को, और दो से उड़ रहे थे।

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

उसके ऊपर की ओर साराप स्‍वर्गदूत खड़े थे। प्रत्‍येक दूत के छ: पंख थे। वे दो पंखों से अपना मुंह ढके थे। उन्‍होंने दो पंखों से अपने पैर को ढांप लिया था; और शेष दो पंखों से वे उड़ रहे थे।

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सरल हिन्दी बाइबल

और उनके ऊपर स्वर्गदूत दिखाई दिए जिनके छः-छः पंख थे: सबने दो पंखों से अपना मुंह ढंक रखा था, दो से अपने पैर और दो से उड़ रहे थे.

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

उससे ऊँचे पर साराप दिखाई दिए; उनके छः छः पंख थे; दो पंखों से वे अपने मुँह को ढाँपे थे और दो से अपने पाँवों को, और दो से उड़ रहे थे।

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यशायाह 6:2
34 क्रॉस रेफरेंस  

तब अब्राम मुँह के बल गिरा : और परमेश्‍वर उस से यों बातें करता गया,


यह सुनते ही एलिय्याह ने अपना मुँह चद्दर से ढाँपा, और बाहर जाकर गुफा के द्वार पर खड़ा हुआ। फिर एक शब्द उसे सुनाई दिया, “हे एलिय्याह, तेरा यहाँ क्या काम?”


मीकायाह ने कहा, “इस कारण तू यहोवा का यह वचन सुन! मुझे सिंहासन पर विराजमान यहोवा और उसके पास दाहिने बाँयें खड़ी हुई स्वर्ग की समस्त सेना दिखाई दी है।


एक करूब का एक पंख पाँच हाथ का था, और उसका दूसरा पंख भी पाँच हाथ का था; एक पंख के सिरे से दूसरे पंख के सिरे तक लम्बाई दस हाथ थी।


उसने करूबों को भीतरवाले स्थान में धरवा दिया; और करूबों के पंख ऐसे फैले थे, कि एक करूब का एक पंख एक दीवार से, और दूसरे का दूसरा पंख दूसरी दीवार से लगा हुआ था, फिर उनके दूसरे दो पंख भवन के मध्य में एक दूसरे को स्पर्श करते थे।


करूब सन्दूक के स्थान के ऊपर पंख ऐसे फैलाए हुए थे कि वे ऊपर से सन्दूक और उसके डंडों को ढाँके थे।


“तू ही अकेला यहोवा है; स्वर्ग वरन् सबसे ऊँचे स्वर्ग और उसके सब गण, और पृथ्वी और जो कुछ उसमें है, और समुद्र और जो कुछ उसमें है, सभों को तू ही ने बनाया, और सभों की रक्षा तू ही करता है; और स्वर्ग की समस्त सेना तुझी को दण्डवत् करती है।


एक दिन यहोवा परमेश्‍वर के पुत्र उसके सामने उपस्थित हुए, और उनके बीच शैतान भी आया।


देख, वह अपने पवित्रजनों पर भी विश्‍वास नहीं करता, और स्वर्ग भी उसकी दृष्‍टि में निर्मल नहीं है।


देख, वह अपने सेवकों पर भरोसा नहीं रखता, और अपने स्वर्गदूतों को भी दोषी ठहराता है;


हे यहोवा के दूतो, तुम जो बड़े वीर हो, और उसके वचन के मानने से उसको पूरा करते हो उसको धन्य कहो!


जो पवनों को अपने दूत, और धधकती आग को अपने टहलुए बनाता है।


वह करूब पर सवार होकर उड़ा, वरन् पवन के पँखों पर सवारी करके वेग से उड़ा।


परमेश्‍वर पवित्र लोगों की गोष्‍ठी में अत्यन्त प्रतिष्‍ठा के योग्य, और अपने चारों ओर सब रहनेवालों से अधिक भययोग्य है।


उन करूबों के पंख ऊपर से ऐसे फैले हुए बनें कि प्रायश्‍चित्त का ढकना उनसे ढँपा रहे, और उनके मुख आमने–सामने और प्रायश्‍चित्त के ढकने की ओर रहें।


फिर उसने कहा, “मैं तेरे पिता का परमेश्‍वर, और अब्राहम का परमेश्‍वर, इसहाक का परमेश्‍वर, और याक़ूब का परमेश्‍वर हूँ।” तब मूसा ने जो परमेश्‍वर की ओर देखने से डरता था, अपना मुँह ढाँप लिया।


और करूबों के पंख ऊपर से फैले हुए बने, और उन पंखों से प्रायश्‍चित्त का ढकना ढपा हुआ बना, और उनके मुख आमने–सामने और प्रायश्‍चित्त के ढकने की ओर किए हुए बने।


तब एक साराप हाथ में अँगारा लिये हुए, जिसे उसने चिमटे से वेदी पर से उठा लिया था, मेरे पास उड़ कर आया।


उनके चेहरे ऐसे ही थे। उनके मुख और पंख ऊपर की ओर अलग अलग थे, हर एक जीवधारी के दो दो पंख थे, जो एक दूसरे के पंखों से मिले हुए थे, और दो दो पंखों से उनका शरीर ढँपा हुआ था।


उनके चलते समय उनके पंखों की फडफ़ड़ाहट की आहट मुझे बहुत से जल, या सर्वशक्‍तिमान की वाणी, या सेना के हलचल की सी सुनाई पड़ती थी; और जब वे खड़े होते थे, तब अपने पंख लटका देते थे।


जब मैं देखने लगा, तो क्या देखता हूँ कि उत्तर दिशा से बड़ी घटा, और लहराती हुई आग सहित बड़ी आँधी आ रही है, और घटा के चारों ओर प्रकाश और आग के बीचों–बीच से झलकाया हुआ पीतल सा कुछ दिखाई देता है।


परन्तु उन में से हर एक के चार चार मुख और चार चार पंख थे।


उनके पंख एक दूसरे से परस्पर मिले हुए थे; वे अपने अपने सामने सीधे ही चलते हुए मुड़ते नहीं थे।


जब जब वे करूब चलते थे तब तब वे पहिये उनके पास पास चलते थे; और जब जब करूब पृथ्वी पर से उठने के लिए अपने पंख उठाते तब तब पहिये उनके पास से नहीं मुड़ते थे।


हर एक के चार मुख और चार पंख और पंखों के नीचे मनुष्य के से हाथ भी थे।


उस प्राचीन के सम्मुख से आग की धारा निकलकर बह रही थी; फिर हज़ारों हज़ार लोग उसकी सेवा टहल कर रहे थे, और लाखों लाख लोग उसके सामने हाजिर थे; फिर न्यायी बैठ गए, और पुस्तकें खोली गईं।


तब वह पुरुष जिब्राएल जिसे मैं ने उस समय देखा जब मुझे पहले दर्शन हुआ था, उस ने वेग से उड़ने की आज्ञा पाकर, साँझ के अन्नबलि के समय मुझ को छू लिया; और मुझे समझाकर मेरे साथ बातें करने लगा।


तब दूत ने उनसे जो सामने खड़े थे कहा, “इसके ये मैले वस्त्र उतारो।” फिर उसने उससे कहा, “देख, मैं ने तेरा अधर्म दूर किया है, और मैं तुझे सुन्दर वस्त्र पहिना देता हूँ।”


धूप जलाने के समय लोगों की सारी मण्डली बाहर प्रार्थना कर रही थी।


और स्वर्गदूतों के विषय में यह कहता है, “वह अपने दूतों को पवन, और अपने सेवकों को धधकती आग बनाता है।”


फिर मैं ने एक और स्वर्गदूत को आकाश के बीच में उड़ते हुए देखा, जिसके पास पृथ्वी पर के रहनेवालों की हर एक जाति, और कुल, और भाषा, और लोगों को सुनाने के लिये सनातन सुसमाचार था।


चारों प्राणियों के छ: छ: पंख हैं, और चारों ओर और भीतर आँखें ही आँखें हैं; और वे रात दिन बिना विश्राम लिये यह कहते रहते हैं, “पवित्र, पवित्र, पवित्र प्रभु परमेश्‍वर, सर्वशक्‍तिमान, जो था और जो है और जो आनेवाला है।”


और सारे स्वर्गदूत उस सिंहासन और प्राचीनों और चारों प्राणियों के चारों ओर खड़े हैं; फिर वे सिंहासन के सामने मुँह के बल गिर पड़े और परमेश्‍वर को दण्डवत् कर के कहा,


जब मैं ने फिर देखा, तो आकाश के बीच में एक उकाब को उड़ते और ऊँचे शब्द से यह कहते सुना, “उन तीन स्वर्गदूतों की तुरही के शब्दों के कारण, जिनका फूँकना अभी बाकी है, पृथ्वी के रहनेवालों पर हाय, हाय, हाय!”