ऑनलाइन बाइबिल

विज्ञापनों


संपूर्ण बाइबिल पुराना वसीयतनामा नया करार




मरकुस 10:51 - पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

इस पर यीशु ने उससे कहा, “तू क्या चाहता है कि मैं तेरे लिये करूँ?” अंधे ने उससे कहा, “हे रब्बी, यह कि मैं देखने लगूँ।”

अध्याय देखें

पवित्र बाइबल

फिर यीशु ने उससे कहा, “तू मुझ से अपने लिए क्या करवाना चाहता है?” अंधे ने उससे कहा, “हे रब्बी, मैं फिर से देखना चाहता हूँ।”

अध्याय देखें

Hindi Holy Bible

इस पर यीशु ने उस से कहा; तू क्या चाहता है कि मैं तेरे लिये करूं? अन्धे ने उस से कहा, हे रब्बी, यह कि मैं देखने लगूं।

अध्याय देखें

पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

येशु ने उससे पूछा, “क्‍या चाहते हो? मैं तुम्‍हारे लिए क्‍या करूँ?” अन्‍धे ने उत्तर दिया, “गुरुवर! मैं फिर देखने लगूं”।

अध्याय देखें

नवीन हिंदी बाइबल

इस पर यीशु ने उससे कहा,“तू क्या चाहता है कि मैं तेरे लिए करूँ?” तब उस अंधे व्यक्‍ति ने उससे कहा, “हे मेरे गुरु, यह कि मैं देखने लगूँ।”

अध्याय देखें

सरल हिन्दी बाइबल

मसीह येशु ने उससे पूछा, “क्या चाहते हो मुझसे?” “अपनी आंखों की रोशनी दुबारा पाना चाहता हूं, रब्बी!” अंधे ने उत्तर दिया.

अध्याय देखें

इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

इस पर यीशु ने उससे कहा, “तू क्या चाहता है कि मैं तेरे लिये करूँ?” अंधे ने उससे कहा, “हे रब्बी, यह कि मैं देखने लगूँ।”

अध्याय देखें



मरकुस 10:51
11 क्रॉस रेफरेंस  

उसी रात को परमेश्‍वर ने सुलैमान को दर्शन देकर उससे कहा, “जो कुछ तू चाहे कि मैं तुझे दूँ, वह माँग।”


बाजारों में नमस्कार, और मनुष्य में रब्बी कहलाना उन्हें भाता है।


परन्तु तुम रब्बी न कहलाना, क्योंकि तुम्हारा एक ही गुरु है, और तुम सब भाई हो।


इसलिये तुम उन के समान न बनो, क्योंकि तुम्हारा पिता तुम्हारे माँगने से पहले ही जानता है कि तुम्हारी क्या–क्या आवश्यकताएँ हैं।


“माँगो, तो तुम्हें दिया जाएगा; ढूँढ़ो तो तुम पाओगे; खटखटाओ, तो तुम्हारे लिये खोला जाएगा।


उसने उन से कहा, “तुम क्या चाहते हो कि मैं तुम्हारे लिये करूँ?”


वह अपना कपड़ा फेंककर शीघ्र उठा, और यीशु के पास आया।


यीशु ने उससे कहा, “मरियम!” उसने पीछे मुड़कर उससे इब्रानी में कहा, “रब्बूनी!” अर्थात् ‘हे गुरु’।


पलटन के सरदार ने उसका हाथ पकड़कर और अलग ले जाकर पूछा, “तू मुझ से क्या कहना चाहता है?”


किसी भी बात की चिन्ता मत करो; परन्तु हर एक बात में तुम्हारे निवेदन, प्रार्थना और विनती के द्वारा धन्यवाद के साथ परमेश्‍वर के सम्मुख उपस्थित किए जाएँ।