उपदेशक जो बुद्धिमान था, वह प्रजा को ज्ञान भी सिखाता रहा, और ध्यान लगाकर और जाँच–परख करके बहुत से नीतिवचन क्रम से रखता था।
मरकुस 10:1 - पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) फिर वह वहाँ से उठकर यहूदिया की सीमा में और यरदन के पार आया। भीड़ उसके पास फिर इकट्ठी हो गई, और वह अपनी रीति के अनुसार उन्हें फिर उपदेश देने लगा। पवित्र बाइबल फिर यीशु ने वह स्थान छोड़ दिया और यहूदिया के क्षेत्र में यर्दन नदी के पार आ गया। भीड़ की भीड़ फिर उसके पास आने लगी। और अपनी रीति के अनुसार वह उपदेश देने लगा। Hindi Holy Bible फिर वह वहां से उठकर यहूदिया के सिवानों में और यरदन के पार आया, और भीड़ उसके पास फिर इकट्ठी हो गई, और वह अपनी रीति के अनुसार उन्हें फिर उपदेश देने लगा। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) वहाँ से विदा हो कर येशु यहूदा प्रदेश के सीमा-क्षेत्र और यर्दन नदी के उस पार के प्रदेश में आए। एक विशाल जनसमूह फिर उनके पास एकत्र हो गया और उन्होंने अपनी आदत के अनुसार लोगों को फिर शिक्षा दी। नवीन हिंदी बाइबल फिर यीशु वहाँ से उठकर यरदन नदी के पार यहूदिया के क्षेत्र में आया; और उसके पास फिर से भीड़ इकट्ठी हो गई और जैसा वह किया करता था, उन्हें फिर से उपदेश देने लगा। सरल हिन्दी बाइबल मसीह येशु वहां से निकलकर यहूदिया के उस क्षेत्र में चले गए, जो यरदन नदी के पार था. भीड़ फिर से उनके चारों ओर इकट्ठी हो गई. अपनी रीति के अनुसार मसीह येशु ने एक बार फिर उन्हें शिक्षा देना प्रारंभ किया. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 फिर वह वहाँ से उठकर यहूदिया के सीमा-क्षेत्र और यरदन के पार आया, और भीड़ उसके पास फिर इकट्ठी हो गई, और वह अपनी रीति के अनुसार उन्हें फिर उपदेश देने लगा। |
उपदेशक जो बुद्धिमान था, वह प्रजा को ज्ञान भी सिखाता रहा, और ध्यान लगाकर और जाँच–परख करके बहुत से नीतिवचन क्रम से रखता था।
उन्होंने मेरी ओर मुँह नहीं वरन् पीठ ही फेर दी है; यद्यपि मैं उन्हें बड़े यत्न से सिखाता आया हूँ, तौभी उन्हों ने मेरी शिक्षा को नहीं माना।
उस समय यीशु ने भीड़ से कहा, “क्या तुम तलवारें और लाठियाँ लेकर मुझे डाकू के समान पकड़ने के लिये निकले हो? मैं हर दिन मन्दिर में बैठकर उपदेश दिया करता था, और तुम ने मुझे नहीं पकड़ा।
यीशु सारे गलील में फिरता हुआ उन के आराधनालयों में उपदेश करता, और राज्य का सुसमाचार प्रचार करता, और लोगों की हर प्रकार की बीमारी और दुर्बलता को दूर करता रहा।
तब फरीसियों ने उसके पास आकर उसकी परीक्षा करने को उससे पूछा, “क्या यह उचित है कि पुरुष अपनी पत्नी को त्यागे?”
फिर यीशु ने मन्दिर में उपदेश करते हुए यह कहा, “शास्त्री कैसे कहते हैं कि मसीह दाऊद का पुत्र है?
मैं तो हर दिन मन्दिर में तुम्हारे साथ रहकर उपदेश दिया करता था, और तब तुम ने मुझे न पकड़ा : परन्तु यह इसलिये हुआ है कि पवित्रशास्त्र की बातें पूरी हों।”
वह फिर निकलकर झील के किनारे गया, और सारी भीड़ उसके पास आई, और वह उन्हें उपदेश देने लगा।
सब्त के दिन वह आराधनालय में उपदेश करने लगा, और बहुत से लोग सुनकर चकित हुए और कहने लगे, “इस को ये बातें कहाँ से आ गईं? यह कौन सा ज्ञान है जो उसको दिया गया है? कैसे सामर्थ्य के काम इसके हाथों से प्रगट होते हैं?
उसने उतर कर बड़ी भीड़ देखी, और उन पर तरस खाया, क्योंकि वे उन भेड़ों के समान थे, जिनका कोई रखवाला न हो; और वह उन्हें बहुत सी बातें सिखाने लगा।
फिर वह यरदन के पार उस स्थान पर चला गया, जहाँ यूहन्ना पहले बपतिस्मा दिया करता था, और वहीं रहा।
यीशु ने उसको उत्तर दिया, “मैं ने संसार से खुलकर बातें कीं; मैं ने आराधनालयों और मन्दिर में, जहाँ सब यहूदी इकट्ठे हुआ करते हैं, सदा उपदेश किया और गुप्त में कुछ भी नहीं कहा।