क्योंकि सर्वशक्तिमान के तीर मेरे अन्दर चुभे हैं; और उनका विष मेरी आत्मा में पैठ गया है; परमेश्वर की भयंकर बात मेरे विरुद्ध पाँति बाँधे हैं।
भजन संहिता 38:2 - पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) क्योंकि तेरे तीर मुझ में लगे हैं, और मैं तेरे हाथ के नीचे दबा हूँ। पवित्र बाइबल हे यहोवा, तूने मुझे चोट दिया है। तेरे बाण मुझमें गहरे उतरे हैं। Hindi Holy Bible क्योंकि तेरे तीर मुझ में लगे हैं, और मैं तेरे हाथ के नीचे दबा हूं। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) तेरे बाणों ने मुझे बेध दिया है; तेरा हाथ मुझ पर उठा है। नवीन हिंदी बाइबल क्योंकि तेरे तीर मुझे गहरे लगे हैं, और मैं तेरे हाथ के नीचे दबा हूँ। सरल हिन्दी बाइबल क्योंकि आपके बाण मुझे लग चुके हैं, और आपके हाथ के बोझ ने मुझे दबा रखा है. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 क्योंकि तेरे तीर मुझ में लगे हैं, और मैं तेरे हाथ के नीचे दबा हूँ। |
क्योंकि सर्वशक्तिमान के तीर मेरे अन्दर चुभे हैं; और उनका विष मेरी आत्मा में पैठ गया है; परमेश्वर की भयंकर बात मेरे विरुद्ध पाँति बाँधे हैं।
क्योंकि रात दिन मैं तेरे हाथ के नीचे दबा रहा; और मेरी तरावट धूप काल की सी झुर्राहट बनती गई। (सेला)
हे यहोवा, मुझ पर अनुग्रह कर, क्योंकि मैं कुम्हला गया हूँ; हे यहोवा, मुझे चंगा कर, क्योंकि मेरी हड्डियों में बेचैनी है।
और जब तक वे नष्ट न हुए तब तक यहोवा का हाथ उन्हें छावनी में से मिटा डालने के लिये उनके विरुद्ध बढ़ा ही रहा।
तौभी क्या तुम उनके सयाने होने तक आशा लगाए ठहरी रहतीं? और उनके निमित्त पति करने से रुकी रहतीं? हे मेरी बेटियो, ऐसा न हो, क्योंकि मेरा दु:ख तुम्हारे दु:ख से बहुत बढ़कर है; देखो, यहोवा का हाथ मेरे विरुद्ध उठा है।”
तब उन्होंने पलिश्तियों के सब सरदारों को इकट्ठा किया, और उनसे कहा, “इस्राएल के देवता के सन्दूक को निकाल दो, कि वह अपने स्थान पर लौट जाए, और हम को और हमारे लोगों को मार डालने न पाए।” उस समस्त नगर में तो मृत्यु के भय की हलचल मच रही थी, और परमेश्वर का हाथ वहाँ बहुत भारी पड़ा था।
तब यहोवा का हाथ अशदोदियों के ऊपर भारी पड़ा, और वह उन्हें नष्ट करने लगा; और उसने अशदोद और उसके आस पास के लोगों के गिलटियाँ निकालीं।
और देखते रहना; यदि वह अपने देश के मार्ग से होकर बेतशेमेश को चले, तो जानो कि हमारी यह बड़ी हानि उसी की ओर से हुई : और यदि नहीं, तो हम को निश्चय होगा कि यह मार हम पर उसकी ओर से नहीं, परन्तु संयोग ही से हुई।”