और सबेरे और साँझ को कौवे उसके पास रोटी और मांस लाया करते थे, और वह नाले का पानी पिया करता था।
भजन संहिता 33:18 - पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) देखो, यहोवा की दृष्टि उसके डरवैयों पर और उन पर जो उसकी करुणा की आशा रखते हैं, बनी रहती है, पवित्र बाइबल जो जन यहोवा का अनुसरण करते हैं, उन्हें यहोवा देखता है और रखवाली करता है। जो मनुष्य उसकी आराधना करते हैं, उनको उसका महान प्रेम बचाता है। Hindi Holy Bible देखो, यहोवा की दृष्टि उसके डरवैयों पर और उन पर जो उसकी करूणा की आशा रखते हैं बनी रहती है, पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) देखो, प्रभु की दृष्टि उन लोगों पर है जो उससे डरते हैं; और उन पर है जो उसकी करुणा की प्रतीक्षा करते हैं; नवीन हिंदी बाइबल यहोवा की दृष्टि तो उन पर बनी रहती है जो उसका भय मानते और उसकी करुणा पर यह आशा रखते हैं, सरल हिन्दी बाइबल सुनो, याहवेह की दृष्टि उन सब पर स्थिर रहती है, जो उनके श्रद्धालु होते हैं, जिनका भरोसा उनके करुणा-प्रेम में बना रहता है, इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 देखो, यहोवा की दृष्टि उसके डरवैयों पर और उन पर जो उसकी करुणा की आशा रखते हैं, बनी रहती है, |
और सबेरे और साँझ को कौवे उसके पास रोटी और मांस लाया करते थे, और वह नाले का पानी पिया करता था।
देख, यहोवा की दृष्टि सारी पृथ्वी पर इसलिये फिरती रहती है कि जिनका मन उसकी ओर निष्कपट रहता है, उनकी सहायता में वह अपनी सामर्थ्य दिखाए। तू ने यह काम मूर्खता से किया है, इसलिये अब से तू लड़ाइयों में फँसा रहेगा।”
क्योंकि मैं मार्ग के शत्रुओं से बचने के लिये सिपाहियों का दल और सवार राजा से माँगने से लजाता था, क्योंकि हम राजा से यह कह चुके थे, “हमारा परमेश्वर अपने सब खोजियों पर, भलाई के लिये कृपादृष्टि रखता है और जो उसे त्याग देते हैं, उसका बल और कोप उनके विरुद्ध है।”
वह धर्मियों से अपनी आँखें नहीं फेरता, वरन् उनको राजाओं के संग सदा के लिये सिंहासन पर बैठाता है, और वे ऊँचे पद को प्राप्त करते हैं।
यहोवा अपने डरवैयों ही से प्रसन्न होता है, अर्थात् उन से जो उसकी करुणा की आशा लगाए रहते हैं।
परन्तु मैं तो परमेश्वर के भवन में हरे जैतून के वृक्ष के समान हूँ। मैं ने परमेश्वर की करुणा पर सदा सर्वदा के लिये भरोसा रखा है।
तब सिदकिय्याह राजा की आज्ञा से यिर्मयाह पहरे के आँगन में रखा गया, और जब तक नगर की सब रोटी न चुक गई, तब तक उसको रोटीवालों की दूकान में से प्रतिदिन एक रोटी दी जाती थी। इस प्रकार यिर्मयाह पहरे के आँगन में रहने लगा।
ताकि दो बे–बदल बातों के द्वारा, जिनके विषय में परमेश्वर का झूठा ठहरना अनहोना है, दृढ़ता से हमारा ढाढ़स बंध जाए, जो शरण लेने को इसलिये दौड़े हैं कि उस आशा को जो सामने रखी हुई है प्राप्त करें।
क्योंकि प्रभु की आँखें धर्मियों पर लगी रहती हैं, और उसके कान उनकी विनती की ओर लगे रहते हैं; परन्तु प्रभु बुराई करनेवालों के विमुख रहता है।”