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भजन संहिता 104:32 - पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

उसकी दृष्‍टि ही से पृथ्वी काँप उठती है, और उसके छूते ही पहाड़ों से धूआँ निकलता है।

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पवित्र बाइबल

यहोवा की दृष्टि से यह धरती काँप उठेगी। पर्वतों से धुआँ उठने लग जायेगा।

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Hindi Holy Bible

उसकी दृष्टि ही से पृथ्वी कांप उठती है, और उसके छूते ही पहाड़ों से धुआं निकलता है।

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

वह पृथ्‍वी पर दृष्‍टिपात करता है, और वह कांप उठती है; वह पर्वतों को स्‍पर्श करता है, और वे धुआं उगलने लगते हैं।

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नवीन हिंदी बाइबल

वह पृथ्वी पर दृष्‍टि डालता है और वह काँप उठती है। वह पहाड़ों को छूता है और वे धुआँ उगलते हैं।

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सरल हिन्दी बाइबल

जब वह पृथ्वी की ओर दृष्टिपात करते हैं, वह थरथरा उठती है, वह पर्वतों का स्पर्श मात्र करते हैं और उनसे धुआं उठने लगता है.

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

उसकी दृष्टि ही से पृथ्वी काँप उठती है, और उसके छूते ही पहाड़ों से धुआँ निकलता है।

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भजन संहिता 104:32
16 क्रॉस रेफरेंस  

हे पृथ्वी, प्रभु के सामने, हाँ, याकूब के परमेश्‍वर के सामने थरथरा।


हे यहोवा, अपने स्वर्ग को नीचा करके उतर आ! पहाड़ों को छू, तब उनसे धुआँ उठेगा!


हमारा परमेश्‍वर आएगा और चुपचाप न रहेगा, आग उसके आगे आगे भस्म करती जाएगी; और उसके चारों ओर बड़ी आँधी चलेगी।


हे परमेश्‍वर, समुद्र ने तुझे देखा, समुद्र तुझे देखकर डर गया, गहिरा सागर भी काँप उठा।


तेरा मार्ग समुद्र में है, और तेरा रास्ता गहिरे जल में हुआ; और तेरे पाँवों के चिह्न मालूम नहीं होते।


और यहोवा जो आग में होकर सीनै पर्वत पर उतरा था, इस कारण समस्त पर्वत धूएँ से भर गया; और उसका धूआँ भट्टे का सा उठ रहा था, और समस्त पर्वत बहुत काँप रहा था।


यहोवा की यह वाणी है, क्या तुम लोग मेरा भय नहीं मानते? क्या तुम मेरे सम्मुख नहीं थरथराते? मैं ने बालू को समुद्र की सीमा ठहराकर युग युग का ऐसा बाँध ठहराया कि वह उसे पार न कर सके; और चाहे उसकी लहरें भी उठें, तौभी वे प्रबल न हो सकें, या जब वे गरजें तौभी वे उसको न पार कर सकें।


क्या इस कारण भूमि न काँपेगी? क्या उन पर के सब रहनेवाले विलाप न करेंगे? यह देश सब का सब मिस्र की नील नदी के समान होगा, जो बढ़ती है, फिर लहरें मारती, और घट जाती है।”


पहाड़ तुझे देखकर काँप उठे; आँधी और जलप्रलय निकल गए; गहिरा सागर बोल उठा और अपने हाथों अर्थात् लहरों को ऊपर उठाया।


फिर दूसरी बार उन्होंने कहा, “हल्‍लिलूय्याह! उसके जलने का धुआँ युगानुयुग उठता रहेगा।”


फिर मैं ने एक बड़ा श्‍वेत सिंहासन और उसको, जो उस पर बैठा हुआ है, देखा; उसके सामने से पृथ्वी और आकाश भाग गए, और उनके लिये जगह न मिली।