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प्रकाशितवाक्य 4:10 - पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

तब चौबीसों प्राचीन सिंहासन पर बैठनेवाले के सामने गिर पड़ेंगे, और उसे जो युगानुयुग जीवता है प्रणाम करेंगे; और वे अपने–अपने मुकुट सिंहासन के सामने यह कहते हुए डाल देंगे,

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पवित्र बाइबल

वे चौबीसों प्राचीन उसके चरणों में गिरकर, उस सदा सर्वदा जीवित रहने वाले की उपासना करते हैं। वे सिंहासन के सामने अपने मुकुट डाल देते हैं और कहते हैं:

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Hindi Holy Bible

तब चौबीसों प्राचीन सिंहासन पर बैठने वाले के साम्हने गिर पड़ेंगे, और उसे जो युगानुयुग जीवता है प्रणाम करेंगे; और अपने अपने मुकुट सिंहासन के साम्हने यह कहते हुए डाल देंगे।

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

तब-तब चौबीस धर्मवृद्ध सिंहासन पर विराजमान को दण्‍डवत करते हैं, युग-युगों तक जीवित रहने वाले की आराधना करते और यह कहते हुए सिंहासन के सामने अपने मुकुट डाल देते हैं :

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नवीन हिंदी बाइबल

तब-तब चौबीसों प्रवर उसके सामने जो सिंहासन पर विराजमान है, गिर पड़ते और जो युगानुयुग जीवित है उसे दंडवत् करते, और अपने मुकुट सिंहासन के सामने यह कहते हुए रख देते हैं :

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सरल हिन्दी बाइबल

वे चौबीस प्राचीन भूमि पर गिरकर उनका, जो सिंहासन पर बैठे हैं, साष्टांग प्रणाम करते तथा उनकी आराधना करते हैं, जो सदा-सर्वदा जीवित हैं. वे यह कहते हुए अपने मुकुट उन्हें समर्पित कर देते हैं:

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

तब चौबीसों प्राचीन सिंहासन पर बैठनेवाले के सामने गिर पड़ेंगे, और उसे जो युगानुयुग जीविता है प्रणाम करेंगे; और अपने-अपने मुकुट सिंहासन के सामने यह कहते हुए डाल देंगे, (भज. 47:8)

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प्रकाशितवाक्य 4:10
28 क्रॉस रेफरेंस  

तब दाऊद ने सारी सभा से कहा, “तुम अपने परमेश्‍वर यहोवा का धन्यवाद करो।” तब सभा के सब लोगों ने अपने पितरों के परमेश्‍वर यहोवा का धन्यवाद किया, और अपना अपना सिर झुकाकर यहोवा को और राजा को दण्डवत् किया।


जब आग गिरी और यहोवा का तेज भवन पर छा गया, तब सब इस्राएली देखते रहे, और फर्श पर झुककर अपना अपना मुँह भूमि की ओर किए हुए दण्डवत् किया, और यों कहकर यहोवा का धन्यवाद किया, “वह भला है, उसकी करुणा सदा की है।”


तब अय्यूब उठा, और बागा फाड़, सिर मुँड़ाकर भूमि पर गिरा और दण्डवत् करके कहा,


हे यहोवा, हमारी नहीं, हमारी नहीं, वरन् अपने ही नाम की महिमा, अपनी करुणा और सच्‍चाई के निमित्त कर।


परमेश्‍वर जाति जाति पर राज्य करता है; परमेश्‍वर अपने पवित्र सिंहासन पर विराजमान है।


सब राजा उसको दण्डवत् करेंगे, जाति जाति के लोग उसके अधीन हो जाएँगे।


आओ हम झुककर दण्डवत् करें, और अपने कर्ता यहोवा के सामने घुटने टेकें!


जिस वर्ष उज्जिय्याह राजा मरा, मैं ने प्रभु को बहुत ही ऊँचे सिंहासन पर विराजमान देखा; और उसके वस्त्र के घेर से मन्दिर भर गया।


तब जो पुरुष सन का वस्त्र पहिने हुए नदी के जल के ऊपर था, उसने मेरे सुनते दाहिना और बायाँ, अपने दोनों हाथ स्वर्ग की ओर उठाकर, सदा जीवित रहनेवाले की शपथ खाकर कहा, “यह दशा साढ़े तीन काल तक ही रहेगी; और जब पवित्र प्रजा की शक्‍ति टूटते टूटते समाप्‍त हो जाएगी, तब ये सब बातें पूरी होंगी।”


उन दिनों के बीतने पर, मुझ नबूकदनेस्सर ने अपनी आँखें स्वर्ग की ओर उठाईं, और मेरी बुद्धि फिर ज्यों की त्यों हो गई; तब मैं ने परमप्रधान को धन्य कहा, और जो सदा जीवित है उसकी स्तुति और महिमा यह कहकर करने लगा : उसकी प्रभुता सदा की है, और उसका राज्य पीढ़ी से पीढ़ी तक बना रहनेवाला है।


उन्होंने उस घर में पहुँचकर उस बालक को उसकी माता मरियम के साथ देखा, और मुँह के बल गिरकर बालक को प्रणाम किया, और अपना–अपना थैला खोलकर उसको सोना, और लोबान, और गन्धरस की भेंट चढ़ाई।


तब वे उसको दण्डवत् करके बड़े आनन्द से यरूशलेम को लौट गए;


परन्तु मैं जो कुछ भी हूँ, परमेश्‍वर के अनुग्रह से हूँ। उसका अनुग्रह जो मुझ पर हुआ, वह व्यर्थ नहीं हुआ; परन्तु मैं ने उन सबसे बढ़कर परिश्रम भी किया: तौभी यह मेरी ओर से नहीं हुआ परन्तु परमेश्‍वर के अनुग्रह से जो मुझ पर था।


क्योंकि मैं अपना हाथ स्वर्ग की ओर उठाकर कहता हूँ, क्योंकि मैं अनन्त काल के लिये जीवित हूँ,


और जो युगानुयुग जीवता है, और जिसने स्वर्ग को और जो कुछ उसमें है, और पृथ्वी को और जो कुछ उस पर है, और समुद्र को और जो कुछ उसमें है सृजा, उसी की शपथ खाकर कहा, “अब तो और देर न होगी।


तब चौबीसों प्राचीन जो परमेश्‍वर के सामने अपने अपने सिंहासन पर बैठे थे, मुँह के बल गिरकर परमेश्‍वर को दण्डवत् करके


“हे प्रभु, कौन तुझ से न डरेगा और तेरे नाम की महिमा न करेगा? क्योंकि केवल तू ही पवित्र है। सारी जातियाँ आकर तेरे सामने दण्डवत् करेंगी, क्योंकि तेरे न्याय के काम प्रगट हो गए हैं।”


तब उन चारों प्राणियों में से एक ने उन सात स्वर्गदूतों को परमेश्‍वर, जो युगानुयुग जीवता है, के प्रकोप से भरे हुए सोने के सात कटोरे दिए;


तब चौबीसों प्राचीनों और चारों प्राणियों ने गिरकर परमेश्‍वर को दण्डवत् किया, जो सिंहासन पर बैठा था, और कहा, “आमीन! हल्‍लिलूय्याह!”


तुरन्त मैं आत्मा में आ गया; और क्या देखता हूँ कि एक सिंहासन स्वर्ग में रखा है, और उस सिंहासन पर कोई बैठा है।


उस सिंहासन के चारों ओर चौबीस सिंहासन हैं; और इन सिंहासनों पर चौबीस प्राचीन श्‍वेत वस्त्र पहिने हुए बैठे हैं, और उनके सिरों पर सोने के मुकुट हैं।


जब वे प्राणी उसकी जो सिंहासन पर बैठा है, और जो युगानुयुग जीवता है, महिमा और आदर और धन्यवाद करेंगे;


और चारों प्राणियों ने आमीन कहा, और प्राचीनों ने गिरकर दण्डवत् किया।


जब उसने पुस्तक ले ली, तो वे चारों प्राणी और चौबीसों प्राचीन उस मेम्ने के सामने गिर पड़े। उनमें से हर एक के हाथ में वीणा और धूप, जो पवित्र लोगों की प्रार्थनाएँ हैं, से भरे हुए सोने के कटोरे थे।


और सारे स्वर्गदूत उस सिंहासन और प्राचीनों और चारों प्राणियों के चारों ओर खड़े हैं; फिर वे सिंहासन के सामने मुँह के बल गिर पड़े और परमेश्‍वर को दण्डवत् कर के कहा,