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नीतिवचन 20:15 - पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

सोना और बहुत से मूँगे तो हैं; परन्तु ज्ञान की बातें अनमोल मणि ठहरी हैं।

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पवित्र बाइबल

सोना बहुत है और मणि माणिक बहुत सारे हैं, किन्तु ऐसे अधर जो बातें ज्ञान की बताते दुर्लभ रत्न होते हैं।

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Hindi Holy Bible

सोना और बहुत से मूंगे तो हैं; परन्तु ज्ञान की बातें अनमोल मणी ठहरी हैं।

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

मनुष्‍य के पास बहुत सोना और मणि हो सकते हैं, परन्‍तु बुद्धिमान मनुष्‍य की वाणी ही अमोल मोती है।

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नवीन हिंदी बाइबल

सोना और बहुमूल्य रत्‍न तो बहुत हैं, परंतु ज्ञान भरी बातें और भी अधिक मूल्यवान होती हैं।

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सरल हिन्दी बाइबल

स्वर्ण और मूंगे की कोई कमी नहीं है, दुर्लभ रत्नों के समान दुर्लभ हैं ज्ञान के उद्गार.

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

सोना और बहुत से बहुमूल्य रत्न तो हैं; परन्तु ज्ञान की बातें अनमोल मणि ठहरी हैं।

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नीतिवचन 20:15
17 क्रॉस रेफरेंस  

सज्जन उत्तर देने से आनन्दित होता है, और अवसर पर कहा हुआ वचन क्या ही भला होता है!


बुद्धिमान लोग बातें करने से ज्ञान को फैलाते हैं, परन्तु मूर्खों का मन ठीक नहीं रहता।


बुद्धि की प्राप्‍ति चोखे सोने से क्या ही उत्तम है! और समझ की प्राप्‍ति चाँदी से बढ़कर योग्य है।


जिसके हृदय में बुद्धि है, वह समझवाला कहलाता है, और मधुर वाणी के द्वारा ज्ञान बढ़ता है।


मनभावने वचन मधुभरे छत्ते के समान प्राणों को मीठे लगते, और हड्डियों को हरी–भरी करते हैं।


मोल लेने के समय ग्राहक, “अच्छी नहीं, अच्छी नहीं” कहता है; परन्तु चले जाने पर बड़ाई करता है।


जो अनजाने का उत्तरदायी हुआ उसका कपड़ा, और जो पराए का उत्तरदायी हुआ उससे बंधक की वस्तु ले रख।


जैसे सोने का नथ और कुन्दन का जेवर अच्छा लगता है, वैसे ही माननेवाले के कान में बुद्धिमान की डाँट भी अच्छी लगती है।


वह मूंगे से अधिक अनमोल है, और जितनी वस्तुओं की तू लालसा करता है, उनमें से कोई भी उसके तुल्य न ठहरेगी।


जिससे तेरा विवेक सुरक्षित बना रहे, और तू ज्ञान के वचनों को थामे रहे।


चाँदी नहीं, मेरी शिक्षा ही को लो, और उत्तम कुन्दन से बढ़कर ज्ञान को ग्रहण करो।


क्योंकि बुद्धि, मूँगे से भी अच्छी है, और सारी मनभावनी वस्तुओं में कोई भी उसके तुल्य नहीं है।


कोई गन्दी बात तुम्हारे मुँह से न निकले, पर आवश्यकता के अनुसार वही निकले जो उन्नति के लिये उत्तम हो, ताकि उससे सुननेवालों पर अनुग्रह हो।