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नीतिवचन 19:8 - पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

जो बुद्धि प्राप्‍त करता, वह अपने प्राण का प्रेमी ठहरता है, और जो समझ को रखे रहता है उसका कल्याण होता है।

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पवित्र बाइबल

जो ज्ञान पाता है वह अपने ही प्राण से प्रीति रखता, वह जो समझ बूझ बढ़ाता रहता है फलता और फूलता है।

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Hindi Holy Bible

जो बुद्धि प्राप्त करता, वह अपने प्राण का प्रेमी ठहरता है; और जो समझ को धरे रहता है उसका कल्याण होता है।

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

बुद्धि को प्राप्‍त करनेवाला मानो स्‍वयं से प्रेम करता है; समझदार व्यक्‍ति निस्‍सन्‍देह सफल होता है।

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नवीन हिंदी बाइबल

जो बुद्धि प्राप्‍त करता है, वह अपने प्राण से प्रीति रखता है; और जो समझ की चौकसी करता है, वह समृद्ध होता है।

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सरल हिन्दी बाइबल

बुद्धि प्राप्‍त करना स्वयं से प्रेम करना है; तथा ज्ञान को सुरक्षित रखना समृद्धि है.

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

जो बुद्धि प्राप्त करता, वह अपने प्राण को प्रेमी ठहराता है; और जो समझ को रखे रहता है उसका कल्याण होता है।

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नीतिवचन 19:8
17 क्रॉस रेफरेंस  

उन्हीं से तेरा दास चिताया जाता है; उनके पालन करने से बड़ा ही प्रतिफल मिलता है।


जो वचन पर मन लगाता, वह कल्याण पाता है, और जो यहोवा पर भरोसा रखता, वह धन्य होता है।


बुद्धि मोल लेने के लिये मूर्ख अपने हाथ में दाम क्यों लिए है? वह उसे चाहता ही नहीं!


झूठा साक्षी निर्दोष नहीं ठहरता, और जो झूठ बोला करता है, वह नष्‍ट होता है।


यदि तू उसको अपने मन में रखे, और वे सब तेरे मुँह से निकला भी करें, तो यह मनभावनी बात होगी।


जो बुद्धि को ग्रहण कर लेते हैं, उनके लिये वह जीवन का वृक्ष बनती है; और जो उसको पकड़े रहते हैं, वह धन्य हैं।


हे मेरे पुत्र, ये बातें तेरी दृष्‍टि की ओट में न होने पाएँ, खरी बुद्धि और विवेक की रक्षा कर,


तब इन से तुझे जीवन मिलेगा, और ये तेरे गले का हार बनेंगे।


इनको अपनी आँखों की ओट न होने दे; वरन् अपने मन में धारण कर।


और मेरा पिता मुझे यह कहकर सिखाता था, “तेरा मन मेरे वचन पर लगा रहे; तू मेरी आज्ञाओं का पालन कर, तब जीवित रहेगा।


बुद्धि को न छोड़, वह तेरी रक्षा करेगी; उससे प्रीति रख, वह तेरा पहरा देगी।


मैं तुम को नया मन दूँगा, और तुम्हारे भीतर नई आत्मा उत्पन्न करूँगा, और तुम्हारी देह में से पत्थर का हृदय निकालकर तुम को मांस का हृदय दूँगा।


जो अपने प्राण को प्रिय जानता है, वह उसे खो देता है; और जो इस जगत में अपने प्राण को अप्रिय जानता है, वह अनन्त जीवन के लिये उस की रक्षा करेगा।


जिस के पास मेरी आज्ञाएँ हैं और वह उन्हें मानता है, वही मुझ से प्रेम रखता है; और जो मुझ से प्रेम रखता है उससे मेरा पिता प्रेम रखेगा, और मैं उससे प्रेम रखूँगा और अपने आप को उस पर प्रगट करूँगा।”


क्योंकि “जो कोई जीवन की इच्छा रखता है, और अच्छे दिन देखना चाहता है, वह अपनी जीभ को बुराई से, और अपने होंठों को छल की बातें करने से रोके रहे।