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नीतिवचन 19:7 - पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

7 जब निर्धन के सब भाई उससे बैर रखते हैं, तो निश्‍चय है कि उसके मित्र उससे दूर हो जाएँ। वह बातें करते हुए उनका पीछा करता है, परन्तु उनको नहीं पाता।

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पवित्र बाइबल

7 निर्धन के सभी सम्बंधी उससे कतराते हैं। उसके मित्र उससे कितना बचते फिरते हैं, यद्यपि वह उन्हें अनुनय—विनय से मनाता रहता है किन्तु वे उसे कहीं मिलते ही नहीं हैं।

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Hindi Holy Bible

7 जब निर्धन के सब भाई उस से बैर रखते हैं, तो निश्चय है कि उसके मित्र उस से दूर हो जाएं। वह बातें करते हुए उनका पीछा करता है, परन्तु उन को नहीं पाता।

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

7 जब गरीब मनुष्‍य के भाई ही उससे घृणा करते हैं, तब आश्‍चर्य नहीं, उसके मित्र उससे दूर हो जाएं। वह बातचीत के द्वारा उनको मनाता है, पर वह उनकी मित्रता नहीं पाता।

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नवीन हिंदी बाइबल

7 जब निर्धन मनुष्य के सब भाई उससे घृणा करते हैं तो अवश्य ही उसके मित्र भी उससे दूर होंगे! वह उन्हें बातों से मनाना तो चाहता है, पर वे नहीं मानते।

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सरल हिन्दी बाइबल

7 निर्धन व्यक्ति तो अपने संबंधियों के लिए भी घृणा का पात्र हो जाता है. उसके मित्र उससे कितने दूर हो जाते हैं! वह उन्हें मनाता रह जाता है, किंतु इसका उन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता.

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नीतिवचन 19:7
15 क्रॉस रेफरेंस  

धनी के तो बहुत से मित्र हो जाते हैं, परन्तु कंगाल के मित्र भी उससे अलग हो जाते हैं।


जो कंगाल की दोहाई पर कान न दे, वह आप पुकारेगा और उसकी सुनी न जाएगी।


निर्धन गिड़गिड़ाकर बोलता है, परन्तु धनी कड़ा उत्तर देता है।


मेरे मित्र और मेरे संगी मेरी विपत्ति में अलग हो गए, और मेरे कुटुम्बी भी दूर जा खड़े हुए।


पर तुम ने उस कंगाल का अपमान किया। क्या धनी लोग तुम पर अत्याचार नहीं करते और क्या वे ही तुम्हें कचहरियों में घसीट घसीट कर नहीं ले जाते?


निर्धन का पड़ोसी भी उस से घृणा करता है, परन्तु धनी के बहुतेरे प्रेमी होते हैं।


तू ने मित्र और भाईबन्धु दोनों को मुझ से दूर किया है; और मेरे जान–पहिचानवालों को अन्धकार में डाल दिया है।


तू ने मेरे पहिचानवालों को मुझ से दूर किया है; और मुझ को उनकी दृष्‍टि में घिनौना किया है। मैं बन्दी हूँ और निकल नहीं सकता;


धनी का धन उसका दृढ़ नगर है, परन्तु कंगाल की निर्धनता उसके विनाश का कारण है।


मेरे प्राण के ग्राहक मेरे लिये जाल बिछाते हैं, और मेरी हानि का यत्न करनेवाले दुष्‍टता की बातें बोलते, और दिन भर छल की युक्‍ति सोचते हैं।


जो तेरा और तेरे पिता का भी मित्र हो उसे न छोड़ना, और अपनी विपत्ति के दिन अपने भाई के घर न जाना। प्रेम करनेवाला पड़ोसी, दूर रहनेवाले भाई से कहीं उत्तम है।


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