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नीतिवचन 13:11 - पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

निर्धन के पास माल नहीं रहता, परन्तु जो अपने परिश्रम से बटोरता, उसकी बढ़ती होती है।

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पवित्र बाइबल

बेइमानी का धन यूँ ही धूल हो जाता है किन्तु जो बूँद—बूँद करके धन संचित करता है, उसका धन बढ़ता है।

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Hindi Holy Bible

निर्धन के पास माल नहीं रहता, परन्तु जो अपने परिश्रम से बटोरता, उसकी बढ़ती होती है।

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

अचानक प्राप्‍त हुआ धन घर में टिकता नहीं; पर अपने परिश्रम से थोड़ा-थोड़ा धन एकत्र करनेवाला मनुष्‍य उसको और बढ़ाता है।

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नवीन हिंदी बाइबल

छल से कमाया गया धन घटता जाता है, पर परिश्रम करके जमा किया गया धन बढ़ता जाता है।

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सरल हिन्दी बाइबल

बेईमानी का धन शीघ्र ही समाप्‍त भी हो जाता है, किंतु परिश्रम से प्राप्‍त किया धन बढ़ता जाता है.

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

धोखे से कमाया धन जल्दी घटता है, परन्तु जो अपने परिश्रम से बटोरता, उसकी बढ़ती होती है।

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नीतिवचन 13:11
19 क्रॉस रेफरेंस  

उसने जो धन निगल लिया है उसे वह फिर उगल देगा; परमेश्‍वर उसे उसके पेट में से निकाल देगा।


तू अपनी कमाई को निश्‍चय खाने पाएगा; तू धन्य होगा, और तेरा भला ही होगा।


दुष्‍टों के रखे हुए धन से लाभ नहीं होता, परन्तु धर्म के कारण मृत्यु से बचाव होता है।


झगड़े रगड़े केवल अहंकार ही से होते हैं, परन्तु जो लोग सम्मति मानते हैं, उनके पास बुद्धि रहती है।


जब आशा पूरी होने में विलम्ब होता है, तो मन शिथिल होता है, परन्तु जब लालसा पूरी होती है, तब जीवन का वृक्ष लगता है।


जो भाग पहले उतावली से मिलता है, अन्त में उस पर आशीष नहीं होती।


जो धन झूठ के द्वारा प्राप्‍त हो, वह वायु से उड़ जाने वाला कुहरा है, उसके ढूँढ़नेवाले मृत्यु ही को ढूँढ़ते हैं।


सच्‍चे मनुष्य पर बहुत आशीर्वाद होते रहते हैं, परन्तु जो धनी होने में उतावली करता है, वह निर्दोष नहीं ठहरता।


लोभी जन धन प्राप्‍त करने में उतावली करता है, और नहीं जानता कि वह घटी में पड़ेगा।


जो अपना धन ब्याज आदि बढ़ती से बढ़ाता है, वह उसके लिये बटोरता है जो कंगालों पर अनुग्रह करता है।


और वह किसी बुरे काम में उड़ जाता है, और उसके घर में बेटा उत्पन्न होता है परन्तु उसके हाथ में कुछ नहीं रहता।


जो अन्याय से धन बटोरता है वह उस तीतर के समान होता है जो दूसरी चिड़िया के दिए हुए अण्डों को सेती है, उसकी आधी आयु में ही वह उस धन को छोड़ जाता है, और अन्त में वह मूढ़ ही ठहरता है।