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नीतिवचन 13:10 - पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

10 झगड़े रगड़े केवल अहंकार ही से होते हैं, परन्तु जो लोग सम्मति मानते हैं, उनके पास बुद्धि रहती है।

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पवित्र बाइबल

10 अहंकार केवल झगड़ों को पनपाता है किन्तु जो सम्मति की बात मानता है, उनमें ही विवेक पाया जाता है।

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Hindi Holy Bible

10 झगड़े रगड़े केवल अंहकार ही से होते हैं, परन्तु जो लोग सम्मति मानते हैं, उनके पास बुद्धि रहती है।

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

10 अविवेकी मनुष्‍य घमण्‍ड के कारण लड़ाई-झगड़े मोल लेता है; पर दूसरों की सलाह माननेवाला मनुष्‍य निस्‍सन्‍देह बुद्धिमान है।

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नवीन हिंदी बाइबल

10 अहंकार से झगड़े ही उत्पन्‍न‍ होते हैं; परंतु जो लोग सम्मति को मानते हैं, उनमें बुद्धि होती है।

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सरल हिन्दी बाइबल

10 अहंकार और कुछ नहीं, कलह को ही जन्म देता है, किंतु वे, जो परामर्श का चालचलन करते हैं, बुद्धिमान प्रमाणित होते हैं.

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नीतिवचन 13:10
23 क्रॉस रेफरेंस  

जब समस्त इस्राएल ने देखा कि राजा हमारी नहीं सुनता, तब वे बोले, “दाऊद के साथ हमारा क्या अंश? हमारा तो यिशै के पुत्र में कोई भाग नहीं! हे इस्राएल अपने अपने डेरे को चले जाओ : अब हे दाऊद, अपने ही घराने की चिन्ता कर।”


तू ने एदोमियों को जीता है इसलिये तू फूल उठा है। उसी पर बड़ाई मारता हुआ घर में रह जा; तू अपनी हानि के लिये यहाँ क्यों हाथ उठाता है, जिससे तू क्या वरन् यहूदा भी नीचा देखेगा?”


निर्धन के पास माल नहीं रहता, परन्तु जो अपने परिश्रम से बटोरता, उसकी बढ़ती होती है।


धर्मियों की ज्योति आनन्द के साथ रहती है, परन्तु दुष्‍टों का दिया बुझ जाता है।


झगड़े का आरम्भ बाँध के छेद के समान है, झगड़ा बढ़ने से पहले उसको छोड़ देना उचित है।


सम्मति को सुन ले, और शिक्षा को ग्रहण कर, कि तू अन्तकाल में बुद्धिमान ठहरे।


सब कल्पनाएँ सम्मति ही से स्थिर होती हैं; और युक्‍ति के साथ युद्ध करना चाहिये।


जो अभिमान से रोष में आकर काम करता है, उसका नाम अभिमानी, और अहंकारी ठट्ठा करनेवाला पड़ता है।


झगड़ा करने में जल्दी न करना नहीं तो अन्त में जब तेरा पड़ोसी तेरा मुँह काला करे तब तू क्या कर सकेगा?


लालची मनुष्य झगड़ा मचाता है, और जो यहोवा पर भरोसा रखता है वह हृष्‍टपुष्‍ट हो जाता है।


उनमें यह वाद–विवाद भी हुआ कि उन में से कौन बड़ा समझा जाता है।


तो वह अभिमानी हो गया, और कुछ नहीं जानता; वरन् उसे विवाद और शब्दों पर तर्क करने का रोग है, जिससे डाह, और झगड़े, और निन्दा की बातें, और बुरे–बुरे सन्देह,


तुम में लड़ाइयाँ और झगड़े कहाँ से आ गए? क्या उन सुख–विलासों से नहीं जो तुम्हारे अंगों में लड़ते–भिड़ते हैं?


जितनों ने उसे देखा, वे सब आपस में कहने लगे, “इस्राएलियों के मिस्र देश से चले आने के समय से लेकर आज के दिन तक ऐसा कुछ कभी नहीं हुआ, और न देखा गया; अत: इस पर सोचकर सम्मति करो, और बताओ।”


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