और उस पवित्र–स्थान की लम्बाई चौड़ाई और ऊँचाई बीस बीस हाथ की थी; और उसने उस पर चोखा सोना मढ़वाया और वेदी की तख़्ताबंदी देवदारु से की।
निर्गमन 30:1 - पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) “फिर धूप जलाने के लिये बबूल की लकड़ी की वेदी बनाना। पवित्र बाइबल परमेश्वर ने मूसा से कहा, “बबूल की लकड़ी की एक वेदी बनाओ। तुम इस वेदी का उपयोग धूप जलाने के लिए करोगे। Hindi Holy Bible फिर धूप जलाने के लिये बबूल की लकड़ी की वेदी बनाना। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) ‘धूप जलाने के लिए एक वेदी बनाना। तू उसको बबूल की लकड़ी का बनाना। नवीन हिंदी बाइबल “तू धूप जलाने के लिए बबूल की लकड़ी की एक वेदी बनवाना। सरल हिन्दी बाइबल “धूप जलाने के लिए बबूल की लकड़ी की एक वेदी बनाना. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 “फिर धूप जलाने के लिये बबूल की लकड़ी की वेदी बनाना। |
और उस पवित्र–स्थान की लम्बाई चौड़ाई और ऊँचाई बीस बीस हाथ की थी; और उसने उस पर चोखा सोना मढ़वाया और वेदी की तख़्ताबंदी देवदारु से की।
और उसने पूरे भवन को सोने से मढ़वाकर उसका काम पूरा किया। पवित्र–स्थान की पूरी वेदी को भी उसने सोने से मढ़वाया।
यहोवा के भवन के जितने पात्र थे सुलैमान ने सब बनाए, अर्थात् सोने की वेदी, और सोने की वह मेज़ जिस पर भेंट की रोटी रखी जाती थी,
और धूप की वेदी के लिये ताया हुआ सोना तौलकर, और रथ अर्थात् यहोवा की वाचा का सन्दूक ढाँकनेवाले और पंख फैलाए हुए करूबों के नमूने के लिये सोना दे दिया।
परन्तु हारून और उसके पुत्र होमबलि की वेदी, और धूप की वेदी दोनों पर बलिदान चढ़ाते, और परमपवित्र स्थान का सब काम करते, और इस्राएलियों के लिये प्रायश्चित करते थे, जैसे कि परमेश्वर के दास मूसा ने आज्ञाएँ दी थीं।
परन्तु जब वह सामर्थी हो गया, तब उसका मन फूल उठा; और उसने बिगड़कर अपने परमेश्वर यहोवा का विश्वासघात किया, अर्थात् वह धूप की वेदी पर धूप जलाने को यहोवा के मन्दिर में घुस गया।
हारून वर्ष में एक बार इसके सींगों पर प्रायश्चित्त करे; और तुम्हारी पीढ़ी पीढ़ी में वर्ष में एक बार प्रायश्चित्त के पापबलि के लहू से इस पर प्रायश्चित्त किया जाए; यह यहोवा के लिये परमपवित्र है।”
उसकी लम्बाई एक हाथ और चौड़ाई एक हाथ की हो, वह चौकोर हो, और उसकी ऊँचाई दो हाथ की हो, और उसके सींग उसी टुकड़े से बनाए जाएँ।
और साक्षीपत्र के सन्दूक के सामने सोने की वेदी को, जो धूप के लिये है उसे रखना, और निवास के द्वार के परदे को लगा देना।
वेदी काठ की बनी थी, और उसकी ऊँचाई तीन हाथ, और लम्बाई दो हाथ की थी; और उसके कोने और उसका सारा पाट और अलंगें भी काठ की थीं। उसने मुझ से कहा, “यह तो यहोवा के सम्मुख की मेज है।”
और उसी लहू में से वेदी के सींगों पर जो यहोवा के आगे मिलापवाले तम्बू में है लगाए; और बचा हुआ सब लहू होमबलि की वेदी के पाए पर जो मिलापवाले तम्बू के द्वार पर है उंडेल दे।
और याजक उस लहू में से कुछ और लेकर सुगन्धित धूप की वेदी के सींगों पर जो मिलापवाले तम्बू में है यहोवा के सामने लगाए; फिर बछड़े के सब लहू को वेदी के पाए पर जो मिलापवाले तम्बू के द्वार पर है उंडेल दे।
और जो वस्तुएँ उनको सौंपी गई वे सन्दूक, मेज, दीवट, वेदियाँ, और पवित्रस्थान का वह सामान जिससे सेवा टहल होती है, और परदा; अर्थात् पवित्रस्थान में काम में आनेवाला सारा सामान था।
फिर वे सोने की वेदी पर एक नीला कपड़ा बिछाकर उसको सूइसों की खालों के आवरण से ढाँपें, और उसके डण्डों को लगा दें;
उसमें सोने की धूपदानी, और चारों ओर सोने से मढ़ा हुआ वाचा का सन्दूक और इसमें मन्ना से भरा हुआ सोने का मर्तबान और हारून की छड़ी जिसमें फूल फल आ गए थे और वाचा की पटियाँ थीं।
फिर एक और स्वर्गदूत सोने का धूपदान लिये हुए आया, और वेदी के निकट खड़ा हुआ; और उसको बहुत धूप दिया गया कि सब पवित्र लोगों की प्रार्थनाओं के साथ सोने की उस वेदी पर, जो सिंहासन के सामने है चढ़ाए।