फिर धूप से भरा हुआ दस शेकेल सोने का एक धूपदान;
धूप से भरा एक सौ बीस ग्राम का स्वर्ण-धूपदान;
दस शेकेल सोने के धूपदान में सुगंधित धूप;
मेरी प्रार्थना तेरे सामने सुगन्ध धूप, और मेरा हाथ फैलाना, संध्याकाल का अन्नबलि ठहरे!
होमबलि के लिये एक बछड़ा, और एक मेढ़ा, और एक वर्ष का एक भेड़ी का बच्चा;