फिर वहाँ से आगे बढ़ कर वह उस पहाड़ पर आया, जो बेतेल के पूर्व की ओर है, और अपना तम्बू उस स्थान में खड़ा किया जिसके पश्चिम की ओर तो बेतेल और पूर्व की ओर ऐ है। वहाँ भी उसने यहोवा के लिये एक वेदी बनाई और यहोवा से प्रार्थना की।
उत्पत्ति 28:19 - पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) उसने उस स्थान का नाम बेतेल रखा; पर उस नगर का नाम पहले लूज था। पवित्र बाइबल उस जगह का नाम लूज था किन्तु याकूब ने उसे बेतेल नाम दिया। Hindi Holy Bible और उसने उस स्थान का नाम बेतेल रखा; पर उस नगर का नाम पहिले लूज था। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) याकूब ने उस स्थान का नाम ‘बेत-एल’ रखा। पहले उस नगर का नाम लूज था। नवीन हिंदी बाइबल उसने उस स्थान का नाम बेतेल रखा; यद्यपि उस नगर का नाम पहले लूज था। सरल हिन्दी बाइबल याकोब ने उस स्थान का नाम बेथेल रखा; जबकि उस स्थान का नाम लूज़ था. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 और उसने उस स्थान का नाम बेतेल रखा; पर उस नगर का नाम पहले लूज था। |
फिर वहाँ से आगे बढ़ कर वह उस पहाड़ पर आया, जो बेतेल के पूर्व की ओर है, और अपना तम्बू उस स्थान में खड़ा किया जिसके पश्चिम की ओर तो बेतेल और पूर्व की ओर ऐ है। वहाँ भी उसने यहोवा के लिये एक वेदी बनाई और यहोवा से प्रार्थना की।
और उसने किसी स्थान में पहुँचकर रात वहीं बिताने का विचार किया, क्योंकि सूर्य अस्त हो गया था; इसलिये उसने उस स्थान के पत्थरों में से एक पत्थर ले अपना तकिया बनाकर रखा, और उसी स्थान में सो गया।
मैं उस बेतेल का परमेश्वर हूँ, जहाँ तू ने एक खम्भे पर तेल डाल दिया था, और मेरी मन्नत मानी थी। अब चल, इस देश से निकलकर अपनी जन्मभूमि को लौट जा’।”
तब परमेश्वर ने याक़ूब से कहा, “यहाँ से निकल कर बेतेल को जा, और वहीं रह; और वहाँ परमेश्वर के लिये वेदी बना, जिसने तुझे उस समय दर्शन दिया जब तू अपने भाई एसाव के डर से भागा जाता था।”
और जिस स्थान में परमेश्वर ने याक़ूब से बातें कीं, वहाँ याक़ूब ने पत्थर का एक खम्भा खड़ा किया, और उस पर अर्घ देकर तेल डाल दिया।
याक़ूब उन सब समेत जो उसके संग थे, कनान देश के लूज नगर को आया। वह नगर बेतेल भी कहलाता है।
वहाँ उसने एक वेदी बनाई, और उस स्थान का नाम एलबेतेल रखा; क्योंकि जब वह अपने भाई के डर से भागा जाता था तब परमेश्वर उस पर वहीं प्रगट हुआ था।
और याक़ूब ने यूसुफ से कहा, “सर्वशक्तिमान् ईश्वर ने कनान देश के लूज नगर के पास मुझे दर्शन देकर आशीष दी,
एलिय्याह ने एलीशा से कहा, “यहोवा मुझे बेतेल तक भेजता है इसलिये तू यहीं ठहरा रह।” एलीशा ने कहा, “यहोवा के और तेरे जीवन की शपथ मैं तुझे नहीं छोड़ने का;” इसलिये वे बेतेल को चले गए।
तब अबिय्याह ने यारोबाम का पीछा करके उससे बेतेल, यशाना और एप्रोन नगरों और उनके गाँवों को ले लिया।
हे इस्राएल, यद्यपि तू छिनाला करता है, तौभी यहूदा दोषी न बने। गिलगाल को न आओ; और न बेतावेन को चढ़ जाओ; और यहोवा के जीवन की सौगन्ध कहकर शपथ न खाओ।
वहाँ से वह लूज को पहुँची (जो बेतेल भी कहलाता है), और लूज के दक्षिणी ओर से होते हुए निचले बेथोरोन के दक्षिणी ओर के पहाड़ के पास हो अत्रोतद्दार को उतर गई।
तब उसने कोई पाँच हज़ार पुरुष चुनकर बेतेल और ऐ के मध्य नगर के पश्चिम की ओर उनको घात में बैठा दिया।
तब सब इस्राएली, वरन् सब लोग बेतेल को गए; और रोते हुए यहोवा के सामने बैठे रहे, और उस दिन साँझ तक उपवास किया, और यहोवा को होमबलि और मेलबलि चढ़ाए।
फिर वहाँ से आगे बढ़कर जब तू ताबोर के बांजवृक्ष के पास पहुँचेगा, तब वहाँ तीन जन परमेश्वर के पास बेतेल को जाते हुए तुझे मिलेंगे, जिन में से एक तो बकरी के तीन बच्चे, और दूसरा तीन रोटी, और तीसरा एक कुप्पा दाखमधु लिए हुए होगा।
वह प्रति वर्ष बेतेल और गिलगाल और मिस्पा में घूम–घूमकर उन सब स्थानों में इस्राएलियों का न्याय करता था।