मिलापवाले तम्बू में, उस बीचवाले परदे से बाहर जो साक्षीपत्र के आगे होगा, हारून और उसके पुत्र दीवट साँझ से भोर तक यहोवा के सामने सजा कर रखें। यह विधि इस्राएलियों की पीढ़ियों के लिये सदैव बनी रहेगी।
इब्रानियों 9:6 - पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) ये वस्तुएँ इस रीति से तैयार हो चुकीं। उस पहले तम्बू में याजक हर समय प्रवेश करके सेवा के कार्य सम्पन्न करते हैं, पवित्र बाइबल सब कुछ इस प्रकार व्यवस्थित हो जाने के बाद याजक बाहरी कक्ष में प्रति दिन प्रवेश करके अपनी सेवा का काम करने लगे। Hindi Holy Bible जब ये वस्तुएं इस रीति से तैयार हो चुकीं, तब पहिले तम्बू में तो याजक हर समय प्रवेश करके सेवा के काम निबाहते हैं पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) ऐसे ही आराधना-स्थल का प्रबन्ध किया गया था। आराधना की विधियाँ सम्पन्न करने के लिए पुरोहित हर समय इस शिविर के अगले कक्ष में जाया करते थे, नवीन हिंदी बाइबल इन वस्तुओं के इस प्रकार व्यवस्थित होने के बाद याजक तंबू के बाहरी भाग में नियमित रूप से प्रवेश करके सेवाकार्य को संपन्न करते हैं, सरल हिन्दी बाइबल इन सबके ऐसे प्रबंध के बाद परमेश्वर की आराधना के लिए पुरोहित हर समय बाहरी तंबू में प्रवेश किया करते थे. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 ये वस्तुएँ इस रीति से तैयार हो चुकीं, उस पहले तम्बू में तो याजक हर समय प्रवेश करके सेवा के काम सम्पन्न करते हैं, (व्यव. 27:21) |
मिलापवाले तम्बू में, उस बीचवाले परदे से बाहर जो साक्षीपत्र के आगे होगा, हारून और उसके पुत्र दीवट साँझ से भोर तक यहोवा के सामने सजा कर रखें। यह विधि इस्राएलियों की पीढ़ियों के लिये सदैव बनी रहेगी।
वरन् वह उस सेना के प्रधान तक भी बढ़ गया, और उसका नित्य होमबलि बन्द कर दिया गया; और उसका पवित्र वासस्थान गिरा दिया गया।
और लेवी का गोत्र, अर्थात् तेरे मूलपुरुष के गोत्रवाले जो तेरे भाई हैं, उनको भी अपने साथ ले आया कर, और वे तुझ से मिल जाएँ, और तेरी सेवा टहल किया करें, परन्तु साक्षीपत्र के तम्बू के सामने तू और तेरे पुत्र ही आया करें।
और तू उनसे कह : जो जो तुम्हें यहोवा के लिये चढ़ाना होगा वे ये हैं; अर्थात् नित्य होमबलि के लिये एक एक वर्ष के दो निर्दोष भेड़ के नर बच्चे प्रतिदिन चढ़ाया करना।
वे इस्राएली हैं, और लेपालकपन का अधिकार और महिमा और वाचाएँ और व्यवस्था और उपासना और प्रतिज्ञाएँ उन्हीं की हैं।
यदि लेवीय याजक पद के द्वारा सिद्धि प्राप्त हो सकती (जिसके सहारे लोगों को व्यवस्था मिली थी) तो फिर क्या आवश्यकता थी कि दूसरा याजक मलिकिसिदक की रीति पर खड़ा हो, और हारून की रीति का न कहलाए?